दिल्ली सरकार ने श्रमिकों को राहत देने के लिए न्यूनतम वेतन में 600 रुपये तक बढोतरी कर दी है। लेकिन दिल्ली के श्रमिकों खासकर औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों में काम करने वाले इस वेतन बढोतरी से वंचित रह सकते हैं क्योंकि औद्योगिक क्षेत्रों के उदयमी बढ़ा हुआ वेतन देने से मना कर रहे है।
उनका तर्क है कि यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। हालांकि दिल्ली सरकार के उपक्रमों में अनुबंध के तहत काम करने वाले और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को बढे हुए न्यूनतम वेतन का लाभ मिल सकता है।
न्यायालय में मामला लंबित, इसलिए उद्यमी नहीं देंगे बढा हुआ वेतन
दिल्ली के उद्यमियों के संगठन अपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ऑफ एनसीटी दिल्ली ने दिल्ली हाई कोर्ट में मार्च 2017 में न्यूनतम वेतन वृद्धि के खिलाफ याचिका दायर की है।
चैंबर के उपाध्यक्ष रघुवंश अरोडा ने बताया कि महंगाई भत्ते का मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है। इस मामले में अगली सुनवाई एक मई को होगी। सरकार गलत तरीके से गणना कर ज्यादा महंगाई भत्ता बढ़ा रही है। चैंबर के सदस्य उद्यमी तब तक बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं देंगे, जब तक अदालत में लंबित मामले पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता है। अगर दिल्ली सरकार महंगाई भत्ता नहीं देने वाले उद्यमियों के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो उद्यमी अदालत जाएंगे और उन्हें पहले की तरह कार्रवाई से राहत मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली फैक्टरी ऑनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष राजन शर्मा कहते हैं कि अदालत का फैसला आने तक उद्यमी 3 मार्च 2017 को जारी अधिसूचना के अनुसार ही न्यूनतम वेतन देंगे। ज्यादातर उद्यमी इसी दर से न्यूनतम वेतन दे रहे हैं। उद्यमियों के मुताबिक सरकार हर छह महीने में 300 से 600 रुपये महंगाई भत्ता के नाम पर वेतन बढ़ा देती है। जबकि 200 से 250 रुपये ही बढ़ना चाहिए।
सरकार ने एक अप्रैल से न्यूनतम वेतन 600 रुपये तक बढ़ाया
दिल्ली सरकार ने एक अप्रैल से अकुशल मजदूरों के न्यूनतम मासिक वेतन को 16,792 रुपये से बढ़ाकर 17,234 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,499 रुपये से बढ़ाकर 18,993 रुपये व कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20,357 रुपये से बढ़ाकर 20,903 रुपये कर दिया है। सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में भी इजाफा किया है।
गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,499 से बढ़ाकर 18,993 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 20,357 से बढ़ाकर 20,903 रुपये तथा स्नातक व इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का न्यूनतम मासिक वेतन 22,146 से बढ़ाकर 22,744 रुपये किया गया है।