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5 दिन में 3 लाख टिकट कैंसल: उत्तरी-पश्चिमी भारत में हवाईअड्डों के बंद होने से लाखों टिकट रद्द, विमान सेवाओं पर असर

12 मई को पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की गतिविधि बढ़ गई जिसके कारण सोमवार की शाम अमृतसर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट आसमान में उड़ान भरने के बावजूद वापस आने के लिए बाध्य हुई।

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दीपक पटेल   
Last Updated- May 13, 2025 | 10:53 PM IST

देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र के 32 हवाईअड्डों पर 7 से 12 मई के बीच विमान सेवाएं स्थगित किए जाने की वजह से करीब तीन लाख से अधिक टिकट कैंसिल किए गए। इन हवाईअड्डों पर परिचालन बंद किए जाने से पहले रोजाना 50,000 से 65,000 यात्रियों को सेवाएं दी जा रही थीं। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 पर्यटकों को मारे जाने की घटना की प्रतिक्रिया में ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, जिसके बाद देश के इन हिस्सों में हवाईअड्डों का परिचालन बंद कर दिया गया।

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इस बंद से प्रभावित हवाईअड्डों में श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर, चंडीगढ़ और जोधपुर के हवाईअड्डे शामिल हैं जिन्हें दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा किए जाने के बाद12 मई की सुबह दोबारा खोला गया। हालांकि विमानों की उड़ान पहले की तरह सहज नहीं है।

12 मई को पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की गतिविधि बढ़ गई जिसके कारण सोमवार की शाम अमृतसर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट आसमान में उड़ान भरने के बावजूद वापस आने के लिए बाध्य हुई। 12 मई की आधी रात को देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने यह घोषणा की कि जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, लेह, श्रीनगर और राजकोट उड़ान भरने वाली फ्लाइट की सेवाएं 13 मई को रद्द की जाती हैं।

मंगलवार की सुबह इंडिगो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि इन शहरों से 14 मई से उड़ान सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की जाएंगी। विमानन कंपनी ने कहा, ‘प्रत्येक फ्लाइट की सेवाएं बेहतर समन्वय के साथ बहाल की जा रही हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी यात्रा बिना किसी बाधा के सुरक्षित तरीके से अपने वायु मार्ग पर पूरी हो जाए।’सेवाएं बहाल करने की योजना की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद ही एयर इंडिया ने एक्स पर लिखा कि ‘ताजा घटनाक्रम’ को देखते हुए और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर,जम्मू, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट से आने-जाने वाली विमान सेवाएं 13 मई के लिए रद्द की जा रही हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के भेजे उन सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है कि सरकार विमानन कंपनियों को कोई वित्तीय राहत देने की योजना बना रही है या नहीं। हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विमानन कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात की ताकि हवाईअड्डों को बंद किए जाने के कारण उड़ान बाधाओं पर चर्चा की जा सके। कंपनियों ने इस बैठक में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर कर कटौती की जरूरत को लेकर भी चर्चा की।

बैठक के दौरान मंत्री ने विमानन कंपनियों से यह गुजारिश की कि वे उड़ान के दौरान की जाने वाली घोषणाओं के साथ-साथ अन्य तरीके से सैन्य बलों के योगदान को सम्मान देने के तरीके के बारे में सोचें।

7 से12 मई के बीच घरेलू उड़ानों के रद्द होने के अलावा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस भारतीय विमानों के लिए बंद किए जाने का वित्तीय प्रभाव विमानन कंपनियों पर पड़ रहा है। 24 अप्रैल को पाकिस्तान एयरस्पेस के बंद किए जाने के बाद इन उड़ानों को नए मार्ग की तलाश करनी पड़ी। एक अधिकारी ने बताया कि इसके कारण पश्चिमी और उत्तर भारत से अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाली कंपनियों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ा जिससे फ्लाइट का समय 30 मिनट से लेकर 100 मिनट तक बढ़ गया। पाकिस्तान एयरस्पेस के तुरंत बंद होने के बाद, सरकार ने इसके असर का जायजा लेने के लिए विमानन कंपनियों से मुलाकात की। अधिकारियों के मुताबिक जो 32 हवाईअड्डे बंद किए गए उनमें यात्रियों की तादाद के लिहाज से शीर्ष पांच में श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर और चंडीगढ़ शामिल हैं। अधिकारी ने बताया, ‘इन 32 हवाईअड्डों पर रोजाना 50,000 से लेकर 65,000 यात्रियों को सेवाएं दी जा रहीं थीं। हालांकि शीर्ष पांच हवाईअड्डे का योगदान यात्रियों की तादाद में करीब 90 फीसदी है। बाकी 27 हवाईअड्डे, यात्रियों की तादाद के लिहाज से पीछे हैं।’

First Published : May 13, 2025 | 11:30 PM IST