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Air India Plane Crash: शुरुआती रिपोर्ट पर NTSB प्रमुख बोलीं- ‘जल्दबाजी और अनुमान भरी बातें’

AAIB इस जांच की अगुवाई कर रहा है, जिसमें NTSB भी सहयोग दे रहा है। एजेंसी ने लोगों से अपील की है कि वे जल्दबाज़ी में कोई नतीजा न निकालें।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 19, 2025 | 10:38 AM IST

अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की प्रमुख जेनिफर होमेंडी ने कहा है कि 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 के हादसे की असली वजह अभी तय नहीं की जा सकती। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स को “जल्दबाज़ी और अनुमान पर आधारित” बताया है। हालांकि उन्होंने किसी रिपोर्ट का नाम नहीं लिया।

भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के कुछ सेकेंड बाद दो फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘कटऑफ’ पोजीशन में चले गए थे, जिससे इंजन तक फ्यूल की सप्लाई रुक गई। हालांकि, 10 सेकेंड के भीतर स्विच दोबारा ऑन कर दिए गए, लेकिन तब तक प्लेन कंट्रोल में नहीं आ सका।

इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी। फ्लाइट बोइंग 787 ड्रीमलाइनर मॉडल की थी।

कॉकपिट रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में सुना गया कि फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने कप्तान सुमीत सभरवाल से पूछा कि उन्होंने फ्यूल स्विच क्यों बदले। इस पर कप्तान ने कहा कि “उन्होंने नहीं बदला।” अब जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह स्विच गलती से बदले गए, जानबूझकर किए गए या फिर किसी टेक्निकल फॉल्ट की वजह से ऐसा हुआ।

फाइनल रिपोर्ट में लगेगा समय

AAIB इस जांच की अगुवाई कर रहा है, जिसमें NTSB भी सहयोग दे रहा है। एजेंसी ने लोगों से अपील की है कि वे जल्दबाज़ी में कोई नतीजा न निकालें। एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने भी कहा है कि पूरी जांच खत्म होने तक किसी निष्कर्ष पर न जाएं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की जांच पूरी होने में आमतौर पर एक साल या उससे ज्यादा समय लग जाता है।

अब तक की जांच में बोइंग के एयरक्राफ्ट या GE Aerospace के इंजन में कोई डिज़ाइन या मैकेनिकल फॉल्ट नहीं मिला है। इसके बावजूद भारत के एविएशन रेगुलेटर ने सेफ्टी के लिहाज़ से देश में मौजूद सभी बोइंग 737 और 787 प्लेनों के फ्यूल स्विच की जांच के आदेश दिए हैं।

पायलट्स एसोसिएशन ने मांगा जांच में शामिल होने का मौका

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA India) ने एक बार फिर सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें इस हादसे की जांच में ऑब्ज़र्वर के तौर पर शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मानकों के मुताबिक ऐसा किया जाना चाहिए ताकि प्रोफेशनल तरीके से जांच में मदद मिल सके और एविएशन सेफ्टी बेहतर की जा सके।

टाटा ग्रुप बनाएगा ₹500 करोड़ का ट्रस्ट

टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए ₹500 करोड़ का वेलफेयर ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। इस ‘AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ को मुंबई में रजिस्टर्ड किया गया है।

एयर इंडिया पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह हर पीड़ित परिवार को ₹25 लाख की अंतरिम सहायता देगी। इसके अलावा टाटा संस ने ₹1 करोड़ की मदद की भी घोषणा की थी। 4 जुलाई तक दो-तिहाई से ज़्यादा परिवारों को यह मुआवज़ा दिया जा चुका है।

First Published : July 19, 2025 | 10:38 AM IST