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AAP की नहीं थम रही मुश्किलें, CM केजरीवाल हिरासत में तो मंत्री कैलाश गहलोत को भी ED ने भेजा समन

Liquor Policy Scam से जुड़े धन शोधन (money laundering) मामले में ED ने कैलाश गहलोत को शनिवार को ही पूछताछ के लिए बुलाया है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- March 30, 2024 | 1:48 PM IST

Liquor Policy Scam: दिल्ली में कथित शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 1 अप्रैल तक ED की रिमांड पर हैं और उनसे केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ कर रही है तो वहीं आज यानी 30 मार्च को AAP के दिग्गज नेता और दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री (Minister of Transport)  कैलाश गहलोत को भी ईडी की तरफ से पूछताछ के लिए बुला लिया गया है।

कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्रालय के साथ-साथ गृह और कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभालते हैं। आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन (money laundering) मामले में ED ने कैलाश गहलोत को शनिवार यानी आज ही पूछताछ के लिए बुलाया है।

क्या है कैलाश गहलोत पर आरोप

ED का मानना है कि कैलाश गहलोत पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन के उस समूह में शामिल थे, जिसने शराब नीति को लेकर ड्रॉफ्ट यानी मसौदा तैयार किया था और ये मसौदा दक्षिण भारत के ग्रुप को लीक किया गया था।

नजफगढ़ विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक कैलाश गहलोत पर ED का यह भी आरोप है कि आबकारी नीति के तहत “साउथ ग्रुप” ने शराब कारोबार के लाइसेंस के एवज में आप और उसके नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। ‘साउथ ग्रुप’ में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता शामिल थीं।

गहलोत दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में रहते हैं। किसी सिविल सर्वेंट द्वारा किसी अन्य को सरकारी आवास का उपयोग करने की अनुमति दिए जाने को आपराधिक विश्वासघात बताते हुए ईडी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था।

ED यह भी कहती आ रही है कि उस दौरान कैलाश गहलोत का मोबाइल नंबर कई बार बदला गया था।

समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गहलोत को मामले में पूछताछ के लिए उपस्थित होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

दिल्ली CM भी हिरासत में

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ED ने धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। मामले में मुख्यमंत्री केजरीवल खुद अपनी पैरवी कर रहे थे। उन्होंने अपना पक्ष स्वयं रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने ED की उनकी हिरासत 1 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी। हालांकि, ED ने पूछताछ के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था।

क्या है शराब घोटाले का मामला

कथित रूप से शराब घोटाले का यह मामला साल 2021-22 का है। जिसमें दिल्ली सरकार पर आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप लगाया गया है।

इस मामले की शुरुआत 17 नवंबर 2021 को होती है जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार शराब को लेकर नई एक्साइस पॉलिसी यानी आबकारी नीति को लागू करती है। नई पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार ने ऐलान किया कि अब वह शराब कारोबार में शामिल नहीं होगी। सरकार के इस ऐलान के बाद दिल्ली की सभी शराब की दुकाने सरकारी के बजाय प्राइवेट यानी निजी हाथों में चली गईं।

सरकार ने तर्क दिया कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार की झोली में भी जमकर पैसा आएगा। लेकिन इस नीति ने सरकार को ही परेशान कर दिया। भारी विरोध हुए और केजरीवाल सरकार को 28 जुलाई, 2022 को यह पॉलिसी को रद्द करनी पड़ी।

दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी को रद्द करने का सबसे बड़ा कारण यह भी रहा कि उस समय के दिल्ली सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने खुलासा किया कि इस नीति के तहत दिल्ली सरकार ने घोटाला किया है। और बाद में एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।

17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने और बाद में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इस मामले को 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं और केंद्रीय एजेंसियां लगातार कई नेताओं को समन भेज रही हैं।

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही हिरासत में

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही हिरासत में हैं। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था। अब उनकी गिरफ्तारी को करीब 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं।

First Published : March 30, 2024 | 10:50 AM IST