वित्त-बीमा

सूचीबद्ध निजी जीवन बीमा का यूलिप कारोबार सुस्त

नए सरेंडर मूल्य विनियमन के लागू होने के बाद बीमा कंपनियों ने मार्जिन की सुरक्षा के लिए अपने पोर्टपोलियो में यूलिप की हिस्सेदारी जान बूझकर घटाया।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- July 28, 2025 | 10:54 PM IST

निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-जून तिमाही में इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद यूनिट लिंक्ड कारोबार वृद्धि में सुस्ती दर्ज की। इन कंपनियों ने बीते साल की इस अवधि में यूनिट लिंक्ड उत्पादों (यूलिप) को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ाया था। हालांकि नए सरेंडर मूल्य विनियमन के लागू होने के बाद बीमा कंपनियों ने मार्जिन की सुरक्षा के लिए अपने पोर्टपोलियो में यूलिप की हिस्सेदारी जान बूझकर घटाया। फिर कंपनियों ने गैर भागीदारी कंपनियों की ओर ध्यान केंद्रित किया और यह अधिक मार्जिन बढ़ाने वाला है।  

निजी क्षेत्र की सबसे बड़े जीवन बीमा करने वाली एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कुल सालाना प्रीमियम समतुल्य (एपीई) में यूलिप की हिस्सेदारी गिरकर 57 प्रतिशत हो गई जबकि यह वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 61 प्रतिशत थी। इसी तरह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की कुल एपीआई में हिस्सेदारी गिरकर 46.8 प्रतिशत हो गई जबकि यह बीते साल की समान अवधि में 51.4 प्रतिशत थी।

First Published : July 28, 2025 | 10:37 PM IST