पिछले कुछ महीनों पहले तक 10 लाख रुपये से ऊपर की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां चाहने वालों के पास बहुत कम विकल्प मौजूद थे।
कुछ निजी बीमा कंपनियां ही 10 लाख रुपये तक की पॉलिसियां ऑफर कर रही थीं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमा पॉलिसियां दे रही थीं।
सरकारी बीमा कंपनियां उन लोगों को कई पॉलिसियां लेने की सलाह दे रही थीं जो अपेक्षाकृत अधिक स्वास्थ्य बीमा कवर की इच्छा जता रहे थे। अब चूंकि स्वास्थ्य की देख-भाल से जुड़े खर्चों में काफी तेजी से बढोतरी हुई है, इसे देखते हुए बीमा कंपनियां अब बाजार में नई-नई योजनाएं ला रही हैं।
इस ओर कदम बढ़ाते हुए दो बीमा कंपनियां यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड इंश्यारेंस ने टॉप-अप मेडिक्लेम योजनाएं बाजार में उतारी हैं जो बहुत कम खर्च पर ज्यादा बीमा कवर की सुविधाएं देती हैं।
यही नहीं, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने भी बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) से इसी तरह की योजनाएं बाजार में उतारने की इजाजत मांगी है। ये पॉलिसियां उन लोगों को ध्यान में रखकर लाई गई हैं जिन्होंने पहले ही अपना स्वास्थ्य बीमा (ग्राउंड पॉलिसी) करा रखा है।
अगर अस्पताल का खर्चा ग्राउंड पॉलिसी यानी मौजूदा बीमा कवर से ज्यादा होता है तो ऐसे में इसके भुगतान का जिम्मा टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस कवर से हो सकता है। इस बारे में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के उप महा प्रबंधक के राव का कहना है कि यह योजना उन लोगों को ध्यान में रखकर बाजार में उतारी गई है जिनके पास उनकी कंपनियों की तरफ से दी गई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी हैं।
मिसाल के तौर पर किसी व्यक्ति ने 3 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी ले रखी है तो उसके पास 7 लाख रुपये तक के टॉप-अप खरीदने का विकल्प रहता है और इन दोनों को मिलाकर उस व्यक्ति के पास कुल बीमा कवर 10 लाख रुपये तक का हो जाता है। लेकिन दोनों बीमा कवर अलग-अलग बीमा कंपनियों के होते हैं।
किसी आपात स्थिति में, मसलन अगर उस व्यक्ति को अस्पताल में दाखिल किया जाता है और कुल खर्च 5 लाख रुपये तक का आता है तो ग्राउंड पॉलिसी की बीमाकर्ता कंपनी 3 लाख रुपये देगी जबकि बाकी 2 लाख रुपये का भुगतान टॉप-अप बीमाकर्ता कंपनी देगी।
अगर यूनाइटेड इंडिया इंश्यारेंस की बात करें तो यह दो तरह की पॉलिसियां मुहैया कराती हैं, एक टॉप-अप और दूसरा सुपर टॉप-अप। टॉप-अप पॉलिसी में कंपनी सिर्फ एक बीमारी के लिए सारा खर्चा उठाती है जबकि सुपर टॉप-अप के तहत बीमा कंपनी पॉलिसी की अवधि के भीतर एक से ज्यादा बीमारियों के लिए अस्पताल का खर्च वहन करती हैं।
स्टार हेल्थ एक ही पॉलिसी की सुविधा देती है जो यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के टॉप-अप की तरह ही होती है। टॉप-अप पॉलिसी बीमा कंपनी और इसके ग्राहक दोनों के लिए फायदेमंद होती है। अगर टॉप-अप पॉलिसी की तुलना यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा ऑफर की जा रही नियमित स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से करें तो एक 35 वर्षीय आदमी के लिए 3 लाख रुपये के बीमा कवर के लिए नियमित पॉलिसी पर 3,444 रुपये का खर्चा बैठेगा।
अगर इसमें 3 लाख रुपये का दूसरा टॉप-अप जोड़ दिया जाए तो खर्चा काफी कम हो जाएगा यानी 1,400 रुपये ही बैठेगा जो करीब 60 फीसदी तक सस्ता है। यहां तक की 7 लाख रुपये का टॉप-अप (2,500 प्रीमियम) भी नियमित पॉलिसी, जो सिर्फ 3 लाख रुपये तक का बीमा कवर देती है, से 28 फीसदी सस्ता बैठता है।
ऑप्टिमा इंश्योरेंस ब्रोकर्स के मुख्य कार्य अधिकारी राहुल अग्रवाल का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पॉलिसी को दो भागों में विभाजित करता है तो ऐसी हालत में टॉप-अप बीमा ग्राहक को पैसे की बचत करने में मदद करता है।
कंपनियों के लिए यह सस्ती बैठती है। इसका कारण यह है कि इसमें दावों के बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। इस बाबत स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक आर एस नायक ने कहा कि बीमा कवर जितना ज्यादा होगा, जोखिम का खतरा उतना ही कम होगा।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के आंकड़ों के अनुसार सालाना करीब 1,000 पॉलिसीधारकों में से ज्यादातर दावे 2 लाख से कम के ही होते हैं जबकि 3 से 5 लाख रुपये तक के दावों की तादाद मात्र 3 से 5 फीसदी तक की होती है। इसके बाद 2 से 3 लाख रुपए?तक के दावों की संख्या तकरीबन 50 हुआ करती हैं।
हालांकि तमाम खूबियों के बाद भी टॉप-अप बीमा की भी कुछ सीमाएं निर्धारित हैं। कोई भी व्यक्ति उसी स्थिति में टॉप-अप पॉलिसी का लाभ उठा सकता है जब बीमा कवर में उसकी पत्नी और बच्चे शामिल हैं जबकि माता-पिता के लिए टॉप-अप बीमा की सुवधि उपलबध नहीं है। इसकी वजह यह है कि बुजुर्ग व्यक्तियों के बीमार पड़ने की संभावना कहीं ज्यादा होती है। इसके अलावा पहले से मौजूद बीमारियों के लिए टॉप-अप बीमा तीन साल तक नहीं दिया जाएगा।
लेकिन यूनाइटेड इंडिया इसके बाद भी इस तीन साल की अवधि के दौरान 1 लाख रुपये तक का कवर देती है जो इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आपने कितनी रकम का बीमा करवाया है। दोनों पॉलिसियों की शर्तें भी एक दूसरे से भिन्न होती हैं।
मिसाल के तौर पर यूनाइटेड इंडिया बीमा धारक को उसके अस्तापल में भर्ती होने के 30 दिन पहले और भर्ती हो जाने के 60 दिन बाद तक कवर देती है। स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड अस्पताल में भर्ती होने के बाद की अवधि की सीमा तय कर दी है।
कंपनी कुल बीमित राशि का 7 फीसदी या फिर अधिकतम 30,000 रुपये का भुगतान करती है। जहां तक प्रीमियम की बात है तो स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड ने सभी उम्र के लोगों के लिए एक समान प्रीमियम की दरें रखी हैं। यूनाइटेड इंडिया की दर पॉलिसीधारक की उम्र के साथ बढ़ती जाती है। वित्तीय योजनाकारों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा सभी के लिए काफी फायदेमंद है।