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छूट की सीमा से अधिक हो परिसंपत्ति तो देना होगा कर

Last Updated- December 07, 2022 | 4:05 AM IST

मुझे मेरी मां से लगभग 19 लाख रुपये के आभूषण मिले हैं। क्या मुझे इस पर संपत्ति कर देना होगा? – सुष्मिता चट्टोपाध्याय


संपत्ति कर रिटर्न फाइल करवाना कानूनी रूप से जरूरी है, तब जब कर योग्य परिसंपत्ति का मूल्य 15 लाख रुपये से अधिक हो। हालांकि कुछ परिसंपत्तियों जैसे कि रिहायशी जमीन-जायदाद, शेयरों और बैंक खाते में जमा पैसा, इस दायरे में नहीं आता।

आपको यह आभूषण आपकी मां से मिले हैं, इसलिए मेरी यही सलाह है कि आप वसीयत की एक कॉपी और इससे संबंधित अन्य कागज (जिन्हें प्रमाण के तौर पर पेश किया जा सके) को अपने पास रखें। लेकिन इन आभूषणों के लिए आपको रिटर्न फाइल जरूर करना चाहिए। 15 लाख रुपये से अधिक रकम की सीमा से ऊपर 1 प्रतिशत कर, 3 प्रतिशत शैक्षिक उपकर के साथ लगाया जाता है (आपके मामले में 4 लाख रुपये पर)।

मेरी बेटी (9 साल) एक संगीत प्रतियोगिता में 10 लाख रुपये का इनाम जीत चुकी है। इस इनामी राशि पर हमें कितना कर देना होगा? चूंकि मेरी बीवी मुझे ज्यादा कमाती है, क्या ये पुरस्कार राशि मेरी या मेरी बीवी की आय में जोड़ी जा सकती है? – डॉ. नरेन्द्र ठक्कर

खेलों या प्रतियोगिताओं में जीते गए पैसों पर कर लगता है। आयकर कानून, 1961 की धारा 115बीबी के अनुसार इस राशि पर 30 प्रतिशत की दर से कर, लागू प्रभार और 3 प्रतिशत शैक्षिक उपकर के साथ लगेगा।

प्रतियोगिता के आयोजकों ने इनामी राशि आयकर काट कर ही दी होगी। लेकिन आपको आयकर रिटर्न फाइल करते समय कुल इनामी राशि दिखानी जरूरी है, जिसमें आयोजकों की ओर से काटी गई राशि आय का एक हिस्सा ही है।

अधिकतर मामलों में, अवयस्क की आय को माता-पिता, जिसकी आय अधिक हो, में शामिल किया जाता है। लेकिन ऐसे मामले में जिसमें बच्चा अपने शारीरिक श्रम या अपने कौशल, प्रतिभा या विशेष जानकारी और अनुभव के बूते पैसे कमाता है, उसे माता-पिता की आय में शामिल नहीं किया जाता। आपको अपनी देख-रेख में अपनी बेटी की आय कर रिटर्न अलग से जमा कराना होगा।

मेरा मासिक वेतन 12 हजार रुपये है। मैंने पिछले साल जुलाई में 5 लाख रुपये का एक फ्लैट खरीदा था। इस फ्लैट को मैंने इस साल जनवरी में 10 लाख रुपये में बेच दिया। इस पूरे पैसे को मैंने ऑफिस खरीदने में लगा दिया। क्या मुझे अपनी पहली बिक्री के बाद मिली अतिरिक्त राशि पर आय कर जमा करना होगा? – अमी कॉन्ट्रेक्टर

आपने खरीद के एक साल के भीतर ही फ्लैट बेच दिया था, इसलिए अतिरिक्त राशि अल्पावधि पूंजी लाभ के तहत मानी जाएगी। इसकी गणना फ्लैट के बिक्री मूल्य 10 लाख रुपये में से उसके खरीद मूल्य को घटा कर की जाएगी। आपका पूंजी लाभ 5 लाख रुपये है। इस लाभ को आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा। आयकर कानूनी की विभिन्न धाराओं जैसे 80सी के तहत सभी रियायतों को ध्यान में रख कर आपकी शुध्द आय पर लागू दरों के अनुसार कर लगाया जाएगा।

मैंने 2003 में एक प्लॉट को खरीदने के लिए एक वित्तीय कंपनी से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। मैंने अब तक इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। मेरी कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में मेरी कर देनदारी का हिसाब-किताब करते हुए इस कर्ज के लिए भुगतान किए जा चुके ब्याज को नहीं घटाया है। यह इस बुनियाद पर किया गया कि कर्ज लेने के बाद सिर्फ दो वर्षों के लिए ही ब्याज पर छूट मिल सकती है। कानून इस बारे में क्या कहता है?  – अजय शर्मा

होम लोन पर ब्याज राशि में छूट घर के निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद ही मांगी जा सकती है। घर के पूरा होने से पहले ही भुगतान किए जा चुके ब्याज पर आप बाद में छूट मांग सकते हैं। यह घर पूरा होने वाले वर्ष से 5 बराबर किस्तों में किया जा सकता है। यह इसलिए क्योंकि आय कर विभाग ही जमीन की खरीद के लिए किसी तरह का मुआवजा स्वीकार नहीं करता।

ऐसे में विभाग आपको, जब आप घर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं तब कर में लाभ मांगने का मौका देता है। घर बनने के बाद अगर आप उसमें रहने लगते हैं तब आप हर साल 1.5 लाख रुपये की छूट के दावेदार बन सकते हैं। अगर आप घर को किराए पर दे दते हैं भुगतान किए जा चुके ब्याज पर छूट की कोई सीमा नहीं है।

First Published - June 8, 2008 | 10:59 PM IST

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