facebookmetapixel
Groww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसी

Standard Chartered: भारत में संपत्ति प्रबंधन पर ध्यान

भारत में 8 लाख करोड़पतियों का लाभ उठाएगा स्टैंडर्ड चार्टर्ड

Last Updated- February 19, 2024 | 9:48 PM IST
Standard Chartered- स्टैंडर्ड चार्टर्ड

स्टैंडर्ड चार्टर्ड की रणनीति भारत में संपत्ति प्रबंधन पर केंद्रित रहेगी। ब्रिटेन के इस ऋणदाता के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्टैंडर्ड चार्टर्ड का प्रमुख कारोबार क्रेडिट कार्ड रहेगा और वह देश के निजी बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा से दूर रहेगा।

भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के कंज्यूमर, प्राइवेट और बिज़नेस बैंकिंग के प्रमुख कुशल रॉय के अनुसार, ‘हमारा ध्यान संपत्ति प्रबंधन पर रहेगा और हम प्रभावशाली ग्राहकों पर नजर रखेंगे।

हम इस क्षेत्र में मजबूत हैं। इस क्षेत्र में और बढ़ना भी चाहते हैं। हम निजी बैंकों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं। निजी बैंक बड़े बाजार में कारोबार पर करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।’

रॉय ने बातचीत के दौरान ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड’ को बताया, ‘हमने 2020 के बाद से बीते चार वर्षों के दौरान संपत्ति प्रबंधन और प्रभावशाली कारोबार में राजस्व दोगुना कर चुके हैं।’

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का कारोबार 52 देशों में है और संपत्ति प्रबंधन से राजस्व अर्जित करने के मामले में भारत पांचवां सबसे बड़ा मार्केट है। भारत में सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक है और इसकी 42 स्थानों पर 100 शाखाएं हैं।

संपत्ति प्रबंधन और बिज़नेस बैंकिंग के अंतर्गत छोटे व मध्यम उद्यमियों को ऋण दिया जाता है और इस क्षेत्र में कंपनी तेजी से अपना कारोबार फैला रही है। रॉय ने चार वर्षों तक भारत में रिटेल कारोबार का नेतृत्व किया है।

रॉय ने कहा, ‘हमारी कुल बैलेंस शीट परिसंपत्ति देनदारी को मिलाकर 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हम इस उपलब्धि को मार्च 2023 में हासिल कर चुके हैं। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा सफर वर्ष 2020 के बाद शानदार रहा है।’

रॉय ने क्रेडिट सुइस वेल्थ स्टडी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश में 8,00,000 करोड़पति हैं और इनकी संख्या 2027 तक दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास बेहद अमीर लोगों की जरूरतों को पूरा करने का अवसर है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अति उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति हैं। उनकी कुल संपत्ति 10 करोड़ डॉलर से अधिक है। यह भी बेहद तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।’

रॉय स्टैंडर्ड चार्टर्ड से पहले सिटी बैंक, बार्कलेज, आईसीआईसीआई बैंक और टाटा कैपिटल के साथ काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) का कारोबार सालाना 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

इस क्षेत्र के कारोबार के तहत सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, दुबई और बहरीन में अनिवासी भारतीयों की जमा राशि और संपत्ति प्रबंधन किया जाता है।

उन्होंने बताया, ‘हमारा प्रवासी भारतीयों के कारोबार के राजस्व में बीते दो वर्षों के दौरान अच्छी वृद्धि हुई है। हम इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का विस्तार करेंगे और एशिया व अफ्रीका में मजबूत नेटवर्क का फायदा उठाएंगे। इससे हमें हर साल नए ग्राहकों को जोड़ने में मदद मिलेगी।’

भारत में क्रेडिट कार्ड के कारोबार में स्टैंडर्ड चार्टर्ड और कुछ प्रमुख विदेशी ऋणदाताओं की एक समय अच्छी पकड़ थी। हालांकि भारत के बैंकों ने बीते बीते 10 वर्षों में इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।

इसमें निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक – एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई क्रेडिट और एक्सिस बैंक हैं। इसमें एक्सिस बैंक ने बीते साल सिटी के रिटेल कारोबार के साथ क्रेडिट कार्ड का अधिग्रहण किया था।

बीते वर्ष भारत के बैंकों में पहली बार किसी बैंक ने 2 करोड़ क्रेडिट कार्ड के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल किया था। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 10 लाख कार्ड जारी किए हैं। उसका मानना है कि भारत में जिस तरह निजी बैंकों की पहुंच व नेटवर्क है, उससे वह प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता है।

First Published - February 19, 2024 | 9:48 PM IST

संबंधित पोस्ट