बैंकिंग प्रणाली में आगे नकदी के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान और ब्याज दर की स्थिति के मद्देनजर बाजार प्रतिभागियों का मानना है कि इससे बॉन्ड बाजार की खरीद-फरोख्त में नरमी के संकेत मिलते हैं। डीलरों का कहना है कि इससे बेंचमार्क यील्ड में एक दायरे में सीमित रह सकती है।
पीएनबी गिल्ट्स के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा, ‘बगैर किसी नए संकेत के जो बाजार बीते 2 से 3 महीने से एकतरफा रूप से आगे बढ़ रहा था अब उसके सीमित दायरे में आने के आसार हैं। मुझे लगता है कि अगले 2 से 3 दिनों में ही बाजार में नया संतुलन आएगा और एक नई सीमा तय हो जाएगी। सर्वाधिक संभावना है कि निचले स्तर पर यह सीमा 6.12 फीसदी और ऊपरी स्तर पर 6.28 फीसदी के करीब रहेगी और ऐसा अगले कुछ महीनों तक बरकरार रहेगा।’
शुक्रवार को 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड 6.29 फीसदी पर बंद हुई थी, जो पिछले कारोबारी सत्र 6.25 फीसदी से 4 आधार अंक अधिक है। बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती से चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों के लिए अतिरिक्त ओएमओ खरीदने की जरूरत भी काफी हद तक कम हो गई है। यह बदलाव बाजार की प्रतिक्रिया में भी स्पष्ट था, जिससे सरकारी प्रतिभूतियों की यील्ड में तेजी आई।
तीन साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 5 आधार अंक कम होकर 5.66 फीसदी और पांच साल के भी सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 5 आधार अंक कम होकर 5.83 फीसदी पर आ गई। इस बीच लंबी अवधि वाले सरकारी बॉन्ड खासकर 7 से 10 साल में परिपक्व होने वाले बॉन्ड में बिकवाली का कुछ दबाव देखा गया।