वित्त-बीमा

SoftBank पॉलिसीबाजार से पूरी तरह से बाहर निकला

एक सूत्र के अनुसार सॉफ्टबैंक ने पॉलिसीबाजार में अपने निवेश पर कुल मिलाकर तकरीबन 65 करोड़ डॉलर कमाया है।

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- January 17, 2024 | 10:56 PM IST

जापान की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की निवेशक सॉफ्टबैंक भारत के अग्रणी डिजिटल बीमा मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजार की मूल कंपनी पीबी फिनटेक से पूरी तरह बाहर हो गई है। इसने अपने निवेश पर कुल 65 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। मामले से वाकिफ सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

एक सूत्र के अनुसार सॉफ्टबैंक ने गुरुग्राम की कंपनी में अपने निवेश पर कुल मिलाकर तकरीबन 65 करोड़ डॉलर कमाया है। मासायोशी सन के नेतृत्व वाले सॉफ्टबैंक ने पीबी फिनटेक में करीब 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। दिसंबर

2023 में सॉफ्टबैंक की शाखा एसवीएफ पायथन 2 (केमैन) ने खुले बाजार के सौदे के जरिये पॉलिसीबाजार की मूल फर्म पीबी फिनटेक में 914 करोड़ रुपये में 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी।

एचडीएफसी म्युचुअल फंड (एमएफ), मिराए ऐसेट एमएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, सोसियाते जेनरल, कैपिटल ग्रुप, द मास्टर ट्रस्ट बैंक ऑफ जापान, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, गोल्डमैन सैक्स और चीन की बेस्ट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन आदि ने यह हिस्सेदारी खरीदी थी।

उस लेनदेन के बाद पीबी फिनटेक में सॉफ्टबैंक की शेयरधारिता 4.39 प्रतिशत से घटकर 1.85 प्रतिशत रह गई थी। अक्टूबर 2023 में सॉफ्टबैंक ने 871 करोड़ रुपये में पीबी फिनटेक में 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी। दिसंबर 2022 में सॉफ्टबैंक ने अपनी सहयोगियों के जरिये पॉलिसीबाजार में 5.1 पीसी हिस्सेदारी 1,043 करोड़ रुपये में बेच दी।

पीबी फिनटेक की स्थापना साल 2008 में यशीश दहिया और आलोक बंसल ने की थी। यह कंपनी ऑनलाइन बीमा प्लेटफॉर्म पॉलिसीबाजार और पोर्टल पैसाबाजार का संचालन करती है। इसने नवंबर 2021 में शेयर बाजार में शुरुआत की थी।

विशेषज्ञों ने कहा कि इस तरह के कदम पिछले एक साल के दौरान खुले बाजार के सौदों के जरिये हिस्सेदारी कम करने की सॉफ्टबैंक की रणनीति का हिस्सा हैं। सॉफ्टबैंक भारत की तकनीकी कंपनियों में शुरुआती निवेशकों में से एक थी। यह धीरे-धीरे पेटीएम, डेल्हीवेरी और जोमैटो सहित विभिन्न कंपनियों में हिस्सेदारी कम कर रही है।

सॉफ्टबैंक ने भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह देश के 100 से अधिक यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली स्टार्टअप कंपनियों) में से लगभग 20 प्रतिशत के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

First Published : January 17, 2024 | 10:56 PM IST