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सात सौ अरब डॉलर भी रहेंगे बेअसर!

Last Updated- December 07, 2022 | 10:01 PM IST

अमेरिकी सरकार द्वारा अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जारी 700 अरब डॉलर की मदद अर्थव्यवस्था को डूबने से उबारने के लिए कितनी कामयाब या कहा जाए काफी होगी इस बात का सबसे बेहतर आकलन इस बात से होगा कि इस कुल पैसे का कितना हिस्सा उपभोक्ताओं और कंपनियों के खाते में आ पाता है।

सरकार को भले ही इस हफ्ते कांग्रेस के सत्र में बैड डेट्स को खरीदने की स्वीकृति मिल जाए लेकिन इसके बाद भी वित्तीय क्षेत्र को और पैसे जुटाने की दरकार होगी। लेकिन हकीकत यह है कि निवेशक मदद के लिए आगे नही आ रहे हैं।

लिहाजा जब तक बैंक कहीं और से फंडिंग की समस्या हल नही कर पाते हैं निवेशकों से यह उम्मीद करना बेमानी होगा कि वो हल के लिए आगे आएंगे और नतीजतन अर्थव्यवस्था हिचकोले खाती रहेगी।

लेकिन इन सबके बीच वित्तीय क्षेत्र के बाहर वाले इलाके से खुशखबरी यह है कि औद्योगिक अमेरिका के पास नकदी की समस्या नही है और तकरीबन 620 अरब डॉलर की पूंजी उनके पास है।

लिहाजा एक बार भरोसा कायम होने पर इन कंपनियों के द्वारा निवेश के साथ आगे आने की उम्मीद की जा सकती है।

लेकिन रियल एस्टेट और शेयर बाजार के दोतरफे मार ने अमेरिकी बाजार को खासा प्रभावित किया है और अगर मौजूदा स्थिति आगे भी बरकरार रहती है तो फिर उपभोक्ताओं के फिर से पूरानी वाली स्थिति में आने में सालों लग सकते हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री हेनरी पॉलसन के मुताबिक वॉल स्ट्रीट के लिए फेड बैंक की ओर से खजाने के खोले जाने से इसे आर्थिक गिरावट से बचाया जा सकेगा। पॉलसन ने आगे बताया कि पिछले हफ्ते क्रेडिट बाजार से लेकर पूंजी बाजार सभी जम चुके थे।

हम उस स्थिति में आ गिरे थे जहां अमेरिकी कंपनियां कर्ज का लेन देन करने में नाकाम साबित
हो रही थीं। इससे छोटे बैंक, कारोबारियों और किसानों के कर्ज के लेन-देन में खासी मुसीबत आ सकती है।

खासकर लोगों की नौकरियां एवं सेवानिवृत्तियों पर असर पर सकता है। मालूम हो कि सिर्फ मौजूदा साल में अमेरिकी कंपनियों ने कुल 5,50,000 नौकरियां कम की हैं।

इतना ही नही बल्कि इस साल अगस्त तक बेरोजगारी दर अपने पांच सालों के सबसे उच्चतम स्तर 6.1 फीसदी के स्तर पर आ गया है और बचाव होता है या फिर नही आगे आने वाले महीनों में इसके और बदतर होने के आसार हैं।

  इस बारे में कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने पॉलसन द्वारा उठाए जा रहे अप्रत्यक्ष कदमों पर चिंता जताते हुए कहा कि इस बारे में मॉर्गेजजनित सहायता अप्रत्यक्ष नही प्रत्यक्ष तरीके से दी जानी चाहिए।

First Published - September 22, 2008 | 8:40 PM IST

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