भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को 15 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड पर 7.23 प्रतिशत की ब्याज दर (कूपन की दर) से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले कई सूत्रों ने बताया कि एसबीआई ने इस वित्त वर्ष में इन दीर्घावधि के बॉन्ड से कुल 30,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
बाजार के भागीदारों के अनुमान की तुलना में कूपन की दर कुछ अधिक है। सूत्रों के अनुसार बाजार के भागीदारों के दीर्घावधि के इन बॉन्ड से 7.15 प्रतिशत से 7.20 प्रतिशत की दर होने का आकलन था। दरअसल, बाजार के भागीदारों ने बॉन्ड हालिया घरेलू पूंजी मार्केट की मजबूत मांग के आधार पर यह आकलन जताया था।
उनके अनुसार जारी किए गए बॉन्ड् का मूल्य तार्किक है। बाजार के भागीदारों के अनुसार कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड करीब 10 आधार अंक बढ़ने के कारण निवेशकों की रुचि फिर से बढ़ गई है। रॉकफोर्ड फिनकैप एलएलपी के संस्थापक व प्रबंध निदेशक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन के मुताबिक, ‘एसबीआई ने 7.23 प्रतिशत की मजबूत यील्ड पर फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (इस वित्त वर्ष में तीसरी बार) जारी किए। यह संबंधित सॉवरेन सरकारी बॉन्ड यील्ड से 18 आधार अंक अधिक है और यह भारत में दीर्घावधि के कॉरपोरेट बॉन्ड निवेश की बढ़ती मांग को उजागर करता है। एसबीआई ने इस वित्त वर्ष में इस किश्त के जरिये इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से सफलतापूर्वक 30,000 करोड़ रुपये जुटाये।’
इसकी इतनी अधिक मात्रा में आपूर्ति होने के बावजूद टॉप टियर में उधारी प्रतिभूतियों की मांग कायम है। यह एसबीआई के उधारी गुणवत्ता में निवेशकों का भरोसा और बॉन्ड मार्केट की मजबूती को प्रदर्शित करती है। लिहाजा एसबीआई को उधारी जुटाने में मदद मिली है और एसबीआई को घरेलू व विदेशी दोनों बाजारों से कोष के लिए संभावनाएं जताने का अवसर भी मिला है। इससे पूर्व एसबीआई इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड् के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटा चुका है।