वित्त-बीमा

ज्यादा अधिशेष देगा रिजर्व बैंक!

वित्त वर्ष 2025 में पिछले वित्त वर्ष से अधिक अधिशेष हस्तांतरण कर सकता है रिजर्व बैंक

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- May 09, 2025 | 10:54 PM IST

बिजनेस स्टैंडर्ड पोल में शामिल 6 प्रतिभागियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार को 2.2 से 3.1 लाख करोड़ रुपये अधिशेष हस्तांतरित कर सकता है। यह राशि वित्त वर्ष 2023-24 के 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी।

वित्त वर्ष 2024 में रिजर्व बैंक ने रिकॉर्ड अधिशेष हस्तांतरित किया था। मगर डॉलर की भारी बिक्री के साथ विदेशी व रुपये वाली प्रतिभूतियों पर ब्याज की कमाई से केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2025 में ज्यादा अधिशेष पा सकता है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा, ‘विदेशी मुद्रा कारोबार से उल्लेखनीय कमाई होने की संभावना है।

वित्त वर्ष 2025 में फरवरी तक रिजर्व बैंक ने कुल 371.6 अरब डॉलर बेचे हैं, जबकि वित्त वर्ष 2023 में 153 अरब डॉलर बेचे थे। डॉलर खरीद की लागत 68.4 है, जो मौजूदा हाजिर दर की तुलना में उल्लेखनीय रूप से नीचे बनी हुई है। बड़ी मात्रा में डॉलर की कुल बिक्री और ऐतिहासिक रूप से कम खरीद मूल्य के कारण विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप से मोटी कमाई होने की संभावना है।

 रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा संपत्तियों और रुपये में प्रतिभूतियों पर ब्याज से आमदनी पिछले साल की तुलना में कुछ कम रह सकती है।’

अक्टूबर  2024 से फरवरी 2025 तक रिजर्व बैंक डॉलर का शुद्ध विक्रेता रहा है। मार्च के आंकड़े अभी जारी नहीं हुए हैं।

हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर के दौरान) रिजर्व बैंक डॉलर का शुद्ध खरीदार था और उसने इस अवधि के दौरान 8.52 अरब डॉलर खरीदे।  इसके पहले के वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने शुद्ध 41.27 अरब डॉलर खरीदे थे।

हर साल रिजर्व बैंक अधिशेष आय का एक हिस्सा सरकार को देता है। यह अधिशेष निवेश में कमाई, विदेशी मुद्रा भंडार के मूल्यांकन में लाभ और करेंसी इश्युएंस के शुल्क से आता है। रिजर्व बैंक अधिनियम के मुताबिक खराब कर्ज संपत्ति में गिरावट, कर्मचारी कल्याण व अन्य आपात कालीन जरूरतों के लिए धन रखने के बाद शेष राशि सरकार हो हस्तांतरित किया जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने ऐसे समय में अमेरिकी डॉलर खरीदे, जब विनिमय दर तुलनात्मक रूप से कम 83 रुपये से 84 रुपये प्रति डॉलर थी। रिजर्व बैंक ने इसे 84 से 87 रुपये प्रति डॉलर के भाव बेचा और इससे उसे मुनाफा हुआ।

एचडीएफसी बैंक में प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘हस्तक्षेप के कारण लाभ हो सकता है क्योंकि रिजर्व बैंक निश्चित तौर पर डॉलर बेच रहा था। मुझे लगता है कि कुछ लाभ उसके पास रखे सोने से भी हो सकता है।’

सरकार के बजट अनुमान के मुताबिक उसे चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक और सरकारी बैंकों से 2.56 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

एक नोट में भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वैश्विक वातावरण में चुनौतियों को देखते हुए रिजर्व बैंक बाहरी झटकों को कम करने के लिए बहुत सक्रिय था, जिससे लाभांश भुगतान बढ़ सकता है और वह सरकार के राजकोषीय साधनों में प्रमुख योगदानकर्ता बन सकता है।

एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रुपये को स्थिर करने के लिए रिजर्व बैंक विदेशी मुद्राएं खरीदता रहा है। इसकी वजह से रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिति बेहतर हो सकती है और इससे वह वित्त वर्ष 2025 में ज्यादा लाभांश भुगतान कर सकता है।’

First Published : May 9, 2025 | 10:41 PM IST