वित्त-बीमा

Paytm Payments Bank पर रिजर्व बैंक की भौहें तनीं, बोर्ड हटेगा या लाइसेंस कटेगा!

29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक को जमा और भुगतान करने की नहीं होगी अनुमति

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मनोजित साहा   
Last Updated- February 07, 2024 | 8:22 AM IST

Paytm Payments Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकिंग नियमन अ​धिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत निर्देश जारी करने के बाद  पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द करने या उसका बोर्ड खत्म करने पर विचार कर रहा है। मगर मामले के जानकार सूत्रों ने बताया कि यह कदम 15 मार्च तक सभी लंबित लेनदेन और नोडल खातों का निपटान होने के बाद उठाया जा सकता है। 

पेटीएम पेमेंट्स बैंक को ग्राहक को जानें (केवाईसी) दिशानिर्देशों सहित कई नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने के बाद बैंकिंग नियामक सख्त हो गया है। उसने बैंक को 29 फरवरी के बाद से जमा स्वीकार करने या कर्ज का लेनदेन करने से रोक दिया है।

आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च, 2024 तक अपने सभी लंबित लेनदेन और नोडल खातों का निपटान करने के लिए कहा है। इसके बाद उसे किसी तरह के लेनदेन की अनुमति नहीं होगी। बैंकिंग नियामक ने 31 जनवरी को कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद से किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड माध्यम, वॉलेट, फास्टैग आदि में जमा या भुगतान स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। 

सूत्रों ने कहा कि अगर पेटीएम पेमेंट्स बैंक का बोर्ड भंग किया जाता है तो उसकी जगह एक प्रशासक नियुक्त हो सकता है, जिसकी मदद के लिए कुछ अन्य लोग होंगे। उनकी मदद से प्रशासक ही कामकाज करेगा। सूत्रों ने कहा, ‘इस मामले में बैंकिंग नियमन अधिनियम के जिस प्रावधान का उपयोग किया गया है, उससे लगता है कि बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा या लाइसेंस रद्द किया जाएगा।’

मार्च 2022 में नियामक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक बनाने से रोक दिया था। उसकी प्रवर्तक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के पास बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी है (बाकी 51 फीसदी हिस्सेदारी विजय शेखर शर्मा के पास है)। उस समय नियामक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक से अपनी सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली की जांच के लिए बाहरी ऑडिटर नियुक्त करने के लिए कहा था। 

इससे पहले भी बैंकिंग नियमन अ​धिनियम की धारा 35ए का इस्तेमाल किया गया है। येस बैंक के मामले में भी इसी धारा के तहत मॉरेटोरियम (कुछ समय के लिए रोक) लगाया गया था और फिर प्रवर्तक ही बदल दिया गया था। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपेटिव बैंक पर भी मॉरेटोरियम लगाने के बाद उसकी 

संप​त्तियां नए बने लघु वित्त बैंक को दे दी गई थीं। यह कानून जमाकर्ताओं के हित की सुरक्षा और बैंक का उचित प्रबंधन सुनि​श्चित करने के लिए आरबीआई को किसी भी बैंक में हस्तक्षेप का अ​धिकार देता है।

सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक नोडल खातों के लिए अन्य बैंकों से भी बात कर रहा है। आरबीआई ने कार्रवाई इसीलिए की क्योंकि कई बार मोहलत मिलने के बाद भी पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने कई नियमों का अनुपालन नहीं किया। जांच में पाया गया कि लाखों खातों का केवाईसी नहीं किया गया है, कई खातों में स्थायी खाता संख्या (पैन) का सत्यापन नहीं किया गया है और हजारों ऐसे मामले पाए गए जिसमें एक ही पैन से 100 और कुछ मामलों में हजार से भी ज्यादा खाते लिंक किए गए थे। ग्राहकों के लिए यह जोखिम की बात थी।

First Published : February 6, 2024 | 11:24 PM IST