वित्त-बीमा

ऋण पात्रता के लिए MSMEs ‘उद्यम’ पोर्टल पर पंजीकरण कराएंः RBI डिप्टी गवर्नर

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने एमएसएमई को वित्त तक बेहतर पहुंच के साथ उनके वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए संगठित क्षेत्र के दायरे में आने का सुझाव दिया।

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भाषा   
Last Updated- November 25, 2024 | 9:26 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा है कि असंगठित रूप से काम करने वाली छोटी एवं मझोली इकाइयां (एमएसएमई) ‘उद्यम’ पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से अपनी विश्वसनीयता बढ़ा सकती हैं।

स्वामीनाथन ने कहा है कि नियामकीय नीतियों और सरकारी योजनाओं ने एमएसएमई के लिए अनुकूल माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों को भी विश्वास बनाने और ऋणदाताओं के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाना उतना ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने हाल में यहां ‘फेडरेशन ऑफ तेलंगाना चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद इस क्षेत्र को समय पर और पर्याप्त संगठित ऋण मिलने में परेशानी होने की शिकायतें सुनने को मिलती हैं।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने एमएसएमई को वित्त तक बेहतर पहुंच के साथ उनके वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए संगठित क्षेत्र के दायरे में आने का सुझाव दिया। स्वामीनाथन ने कहा कि एमएसएमई को संगठित क्षेत्र में आने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई एमएसएमई के असंगठित रूप से काम करने की वजह से ऋणदाताओं के लिए उनकी ऋण पात्रता का आकलन करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण करके और जीएसटी रिटर्न दाखिल करके एमएसएमई अपनी कारोबारी गतिविधियों और वित्तीय स्तर पर पारदर्शिता बढ़ा सकते हैं। इससे उनकी विश्वसनीयता बढ़ेगी और वित्तीय संस्थानों की नजर में उनकी विश्वसनीयता को मजबूत होगी।’’

First Published : November 25, 2024 | 9:26 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)