वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को समयबद्ध ढंग से पूंजी जुटाने का रोडमैप तैयार करने, संसाधनों का समुचित उपयोग और मध्यस्थता लागत घटाने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए आज कहा कि हरेक बैंक की अपनी चुनौतियां, मानव श्रम, सिस्टम, क्षमताएं और आधारभूत ढांचा है। उन्हें न्यायोचित रूप से विभिन्न वित्तीय मानदंडों में बेंचमार्क की पहचान करनी चाहिए।
सरकारी बैंकों में कई स्तरों पर समानता है और वे सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने के साथ-साथ व्यापार व दक्षता लाभ प्रक्रियाओं पर सहयोग करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। बैंकों को सेवाएं अधिक मजबूत और उपभोक्ता अनुकूल बनाने के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे। उन्हें साइबर सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन के लिए तकनीकी मंच, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस आधारित विश्लेषण के ऐप्लीकेशन को बेहतर करने की जरूरत है।
आईबीए ने नैशनल ऐसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) और घरों पर बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने वाली पीएसबी अलायंस जैसी इकाइयों को विकसित करने में योगदान दिया है। अब आईबीए की उत्पादकता को अन्य क्षेत्रों तक लेकर जाने की आवश्यकता है। इस बैंकिंग निकाय को विनियमन ढांचे को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है। यह बैंकिंग संस्थानों और उनके तौर तरीकों के एकसमान नैतिक मानदंड, पेशेवर तरीकों और संचालन प्रक्रिया स्थापित करने के लिए कार्य कर सकती है।