मौजूदा आर्थिक मंदी और पूंजीगत खर्च में कमी आने से इंजीनियरिंग कंपनियों का कारोबार काफी हद तक प्रभावित हुआ है।
गुणवत्ता और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद कई इंजीनियरिंग कंपनियों के शेयरों की कीमतें तेजी से गिरी हैं और मूल्य निर्धारण ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंच गया है।
इस उद्योग की एक छोटी कंपनी जेमिनी इंज-फेब फेब्रिकेशन और विभिन्न औद्योगिक उपकरणों के संरक्षण से जुड़ी हुई है।
कंपनी 41.25-44 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एक आईपीओ ला रही है। इसके शेयर की कीमत 75-80 रुपये है। जेमिनी इंज-फेब फेब्रिकेशन से संबद्ध कार्य और हीट एक्सचेंजर, प्रेशर वेसेल, टैंक और स्टोरेज वेसेल के संरक्षण में लगी हुई है।
कंपनी बहु-उत्पाद क्षमताओं से लैस है और यह शानदार 22 फीसदी के परिचालन मार्जिन वाली छोटी कंपनी है। यह कंपनी कई असंगठित कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। फेब्रिकेशन उद्योग पर छोटी और बड़ी कंपनियों का दबदबा है।
इस क्षेत्र की छोटी कंपनियों में पटेल्स एयरटेम्प (इंडिया), आर्टसन इंजीनियरिंग, मुकंद इंजीनियर्स और जीएमएम पौडलर प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इसके अलावा इस क्षेत्र में प्रवेश को लेकर काफी कम बाधाएं हैं जो कंपनियों को न्यूनतम पूंजी और काफी कम तकनीकी क्षमताओं के साथ इसमें दस्तक देने की अनुमति देती हैं।
हाल तक जेमिनी छोटे स्तर पर परिचालन करती रही है जिसमें ऑर्डरों का आकार 10 लाख रुपये से 1.10 करोड़ रुपये है। आईपीओ लाने के बाद कंपनी बड़ी परियोजनाओं के लिए बोली लगाएगी जिन पर एलऐंडटी जैसी बड़ी और अन्य मझोली कंपनियों का दबदबा है।
लेकिन इसके लिए कंपनी को अपनी विकास दर और मार्जिन को बरकरार रखने के लिए और अधिक चुनौतियों का सामना करना पडेग़ा। 30 सितंबर, 2008 को जेमिनी का ऑर्डर बुक वित्त वर्ष 2008 के इसके राजस्व का महज 0.80 गुना है।
विकास दर के लिहाज से कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले चार वर्षों के दौरान इसका राजस्व सालाना 86 फीसदी की दर से बढ़ा है। इसका राजस्व वित्त वर्ष 2004 में महज 1.74 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2008 में बढ़ कर 21.10 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2008 के दौरान कंपनी ने राजस्व में 65 फीसदी का इजाफा दर्ज किया। वित्त वर्ष 2008 में इसने देनदार में 125 फीसदी की बढ़ोतरी की।
कंपनी 49.84 करोड़ रुपये की कुल लागत से अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। यह गुजरात के अंबरगांव में एक वर्कशॉप की स्थापना कर रही है।
10 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का एक हिस्सा बार्कलेज से मियादी ऋण के जरिये जुटाया जाएगा। इसके लिए कंपनी सालाना 12.5 फीसदी की दर से ब्याज चुकाएगी।
बाकी रकम की व्यवस्था आईपीओ के जरिये की जाएगी। कंपनी अपनी क्रेन लिफ्टिंग क्षमता मौजूदा 27 टन से बढ़ा कर 125 टन करना चाहती है।
यद्यपि क्षमता को बढ़ा कर पांच गुना किया जाएगा, लेकिन यह काफी हद तक औद्योगिक पूंजीगत खर्च के चक्र में रिकवरी और परियोजनाओं के सही समय पर कार्यान्वयन और विदेशी बाजारों में कारोबार के विकास पर निर्भर करेगा।
घरेलू तौर पर कंपनी ने ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। कंपनी को ऑर्डरों को लेकर गुजरात से काफी उम्मीदें हैं।
मूल्य निर्धारण
कुल मिलाकर पांच के पैमाने पर जेमिनी के आईपीओ को रेटिंग एजेंसी केयर द्वारा दो का दर्जा दिया गया है जो कंपनी के औसतन फंडामेंटल से कम का संकेत है।
कम रेटिंग दिए जाने के जो प्रमुख कारण हैं, उनमें असंगठित और उच्च प्रतिस्पर्धी उद्योग, उदार कॉरपोरेट प्रशासन, कुछ ही ग्राहकों पर निर्भरता और प्रबंधन का सीमित अनुभव जैसी बाध्यताएं शामिल हैं।
मूल्य निर्धारण के संदर्भ में यह इश्यू बेहद अहम है। ऑफर कीमत और वित्त वर्ष 2009 के 7.25 रुपये के ईपीएस के आधार पर पीई 10-11 गुना है।
अगर कंपनी वित्त वर्ष 2010 में मुनाफे में 100 फीसदी का इजाफा दर्ज करती है, जिसकी संभावना नहीं है, तो मूल्य निर्धारण उच्च माना जाएगा, क्योंकि इसी आकार की कंपनियां अनुमानित कमाई के 3-5 गुना पर कारोबार कर रही हैं। कंपनी का इश्यू 3 फरवरी को खुलेगा और यह 6 फरवरी, 2009 को बंद हो जाएगा।