बिड़ला सन लाइफ ऐसेट मैनेजमेंट बाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वालों में से एक है। यह उन कुछेक फंड कंपनियों में से एक है जिसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति में पिछले 15 महीनों में, जब बाजार धराशायी हुआ था, इजाफा हुआ है।
बिड़ला सन लाइफ के मुख्य निवेश अधिकारी ए बालासुब्रमणयन ने अंजू यादव से उद्योग के प्रदर्शन और माहौल के बारे में बातचीत की। पेश है महत्वपूर्ण अंश:
यद्यपि हर किसी का यह भरोसा है कि भारत उतना अधिक प्रभावित नहीं होगा जितना कि अमेरिका और यूरोपीय देश लेकिन हमारे बाजार विपरीत धारणाओं के कारण सुस्त हैं। आपके अनुसार धारणाओं में बदलाव कब तक आएगा?
जहां तक आर्थिक विकास की बात है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था जिस तरह की कठिनाइयों का सामना कर रही है भारत उनसे बहुत हद तक सुरक्षित है। भारत की विकास दर छह प्रतिशत से ऊपर रही है और इसके छह से सात प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है। हमारा मानना है कि वैश्विक वित्तीय बाजार में स्थिरता के संकेतों के बाद जल्द ही भारत में पोर्टफालियो और विदेशी सीधे निवेश (एफडीआई) के रूप में जोखिम पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। मई में चुनाव के नतीजों से भी इस पर प्रभाव पड़ेगा।
बाजार विशेषज्ञ कहते हैं कि म्युचुअल फंड लगभग 60,000 से 70,000 करोड रुपये नकदी लेकर बैंठे हैं। इस नकदी का निवेश कब किया जाना है?
पिछले साल सितंबर से शुरू हुई अनिश्चितता की अवधि में सभी इक्विटी योजनाओं, जिसमें हम भी शामिल हैं, ने नकदी का स्तर बढ़ाया। इस नीति ने बेहतर परिणाम दिए। बाजार की अस्थिरता से शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) सुरक्षित रहा।
हालांकि, फरवरी में हमने अपने इक्विटी योजनाओं की नकदी का स्तर घटाना शुरू किया और अब यह लगभग 10 प्रतिशत के स्तर पर है। इक्विटी योजनाओं की नकदी को कहीं लगाना बाजार में उपलब्ध विभिन्न अवसरों पर निर्भर करता है। इन अवसरों का आकलन फंडामेंटल वैल्यूएशन, निकट भविष्य के परिदृश्य और अन्य तकनीकी कारकों जैसे फंड का प्रवाह आदि के आधार पर किया जाता है।
बीमा कंपनियां अपनी निवेश योजनाओं से बहुत सारे पैसे जुटाने में सफल रहे हैं। म्युचुअल फंड इस क्षेत्र में पहले से है लेकिन उसे पहले आने का लाभ नहीं मिला। म्युचुअल फंड उद्योग किस प्रकार इसे निपटाने की सोच रहा है?
म्युचुअल फंड उद्योग लगातार पिछले एक दशक से फल-फूल रहा है। खुदरा और बड़े निवेशकों के लिए यह निवेश का एक बड़ा जरिया बना रहेगा। दूसरी तरफ, कम लोगों तक पहुंच को देखते हुए म्युचुअल फंड उद्योग भी तेजी से विकास करने की राह पर है। दोनों उद्योग ग्राहकों की अलग-अलग जरूरतों को पूरी करते हैं और इसलिए दोनों उद्योगों के विकास की राह भारत में बड़े निवेश करने वाली जनता को सेवाएं मुहैया कराने के नजरिये से भिन्न होगी।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं नियामक बोर्ड (सेबी) स्ट्रक्चर्ड योजनाओं जैसे कैपिटल गारंटी स्कीम को लेकर आश्वस्त नहीं है। इसका मानना है कि भारतीय निवेशक इन योजनाओं को ढंग से समझने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। आपका क्या मानना है?
स्ट्रक्चर्ड योजनाएं वैसे निवेशकों के लिए वैकल्पिक रास्ता है जिन्होनें किसी खास परिसंपत्ति वर्ग में ज्यादा का निवेश किया हुआ है या जिन्होंने अभी तक इक्विटी जैसे उत्पादों में अभी तक निवेश कर विशाखण नहीं किया है। कुछ निवेशक काफी रूढ़िवादी होते हैं और निश्चित आया वाले उत्पादों में ही निवेश करना चाहते हैं।
स्ट्रक्चर्ड उत्पाद जैसे कैपिटल गारंटी स्कीम ऐसे निवेशकों की जरूरतों को पूरा करते हैं जो ज्यादा जोखिम नहीं उठाने के साथ ही अपनी पूंजी सुरक्षित रखना चाहते हैं। ऐसे उत्पाद की उम्र सीमा तभी तक है जब तक ये सेबी के दिशानिर्देशों के अनुरूप स्टक्चर्ड हैं और निवेशकों की नजर में अंतर्निहित जोखिमों से सुरक्षित है।
सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट और कॉमर्शियल पेपर की दरें घट रही हैं। ऐसा अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक दरों में आगे और कटौती करेगा। क्या आपको लगता है कि गिल्ट और इनकम योजनाओं में ज्यादा पैसे आएंगे?
अल्पावधि के मुद्रा बाजार उपकरणों के ब्याज दरों का घटना हमारे अनुमानों के अनुरूप है। हमारे अधिकांश पोर्टफोलियो मार्च महीने में व्यवस्थित किए जाते हैं ताकि इस परिस्थिति का लाभ उठा सकें। हालांकि, अप्रैल में सरकारी प्रतिभूतियों के परिपक्व होने और ऋण का उठाव कम होने के कारण अल्पावधि की तरलता बढ़ने से अपेक्षाकृत कम अवधि के सरकारी बॉन्डों में निवेश का रास्ता बनेगा।
हमारा मानना है कि बैंक भी एसएलआर प्रतिभूतियों में अपना निवेश बढ़ाने की सोचेंगे। इसलिए, निकट भविष्य में इनकम फंडमध्यावधि के बॉन्ड का प्रदर्शन काफी कम अवधि के बॉन्डों या लिक्विड फंडों की तुलना में बेहतर रहेगा।
इस साल किस क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है?
हम समझते हैं कि ब्याज दर संवेदनशील क्षेत्रों जैसे ऑटो, निर्माण, टेलीकॉम और बैंकिंग में सुधार होगा। आगे भी इनका बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा। हमारा मानना है कि निकट भविष्य में सीमेंट खेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहेगा।
क्या खुदरा निवेशक अभी भी योजनाबध्द निवेश योजनाओं (सिप) और एमआईपी में निवेश कर रहे हैं? या वे अभी भी बाजार के सुधरने का इंतजार कर रहे हैं?
एक फंड हाउस के तौर पर हमने देखा हैं कि हमारी ऐतिहासिक वृध्दि दर की तुलना में खुदरा परिसंपत्ति में ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सेंचुरी सिप उत्पाद के तहत सिप को प्रोत्साहित करने का परिणाम हमने पैसों के भारी प्रवाह के रूप में देखा है।
सिप के जरिये इक्विटी में दीर्घावधि के निवेश को प्रोत्साहित करने के क्रम में हमने अन्य इक्विटी योजनाओं में भी सिप की शुरुआत की है। एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में एमआईपी पिछले छह महीने में ज्यादा प्रचलित हुई है क्योंकि इस दौरान ब्याज दरों में गिरावट आई है और निवेशक इक्विटी में नियंत्रित रूप से निवेश कर रहे थे।