बीमा

सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घटी

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सुब्रत पांडा
Last Updated- April 14, 2023 | 8:45 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र की 4 जनरल इंश्योरेंस कंपनियों न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नैशनल इंश्योरेंस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी पिछले 5 साल में उनकी निजी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 800 आधार अंक कम हो गई है।

भारतीय जीवन बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018-19 में इन 4 सरकारी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 40.4 प्रतिशत थी, जिसमें न्यू इंडिया एश्योरेंस की बाजार हिस्सेदारी 14 प्रतिशत और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस की हिस्सेदारी 9.63 प्रतिशत थी।

पिछले 5 साल के दौरान सरकार समर्थित इन बीमाकर्ताओं की बाजार हिस्सेदारी धीरे-धीरे निजी प्रतिस्पर्धियों ने छीननी शुरू कर दी, जिसके कारण इनके कारोबार का हिस्सा कम हो गया। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 23 के अंत तक इन फर्मों की बाजार हिस्सेदारी घटकर 32.37 प्रतिशत रह गई है और इसमें 803 आधार अंक की गिरावट आई है।

इन 4 बीमाकर्ताओं में न्यू इंडिया एश्योरेंस की बाजार हिस्सेदारी सबसे कम 64 आधार अंक घटी है। कंपनी ने देश की सबसे बड़ी जनरल बीमाकर्ता का अपना स्थान बनाए रखा है। बहरहाल अन्य 3 कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

कोलकाता की नैशनल इंश्योरेंस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा घटी है। न्यू इंडिया एश्योरेंस को छोड़ दें तो सरकारी जनरल इंश्योरेंस फर्मों को भारी नुकसान हुआ है और उनके सॉल्वेंसी मार्जिन में कमी आई है जिसकी वजह से उन्हें वृद्धि पर ध्यान देने का मौका कम ही मिल पाया है।

वित्त वर्ष 2022 के खुलासों के मुताबिक ओरिएंटल इंश्योरेंस को 3,104 करोड़ रुपये, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को 2,135 करोड़ रुपये और नैशनल इंश्योरेंस कंपनी को 1,664 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है।

इन 4 सरकारी बीमा कंपनियों में से सिर्फ न्यू इंडिया एश्योरेंस को 164.7 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है।

First Published : April 13, 2023 | 7:33 PM IST