वित्त-बीमा

कर्मचारियों की संख्या के मामले में जल्दी ही SBI को पीछे छोड़ देश में नंबर 1 बन सकता है HDFC बैंक

एसबीआई के कुल कर्मचारियों में 1,10,116 अधिकारी, 92,514 क्लेरिकल स्टाफ और 29,666 सब-स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं।

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सुब्रत पांडा   
कृष्ण कांत   
Last Updated- September 27, 2024 | 4:03 PM IST

HDFC बैंक जो देश का सबसे बड़ा प्राइवेट का बैंक है जल्द ही भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को पीछे छोड़कर बैंकिंग क्षेत्र में सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाला बैंक बन सकता है। एचडीएफसी बैंक में वित्त वर्ष 2024 के अंत तक 2,13,527 कर्मचारी थे, जबकि एसबीआई में 2,32,296 कर्मचारी थे। यह जानकारी दोनों कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट्स से जुटाई गई है।

एसबीआई के कुल कर्मचारियों में 1,10,116 अधिकारी, 92,514 क्लेरिकल स्टाफ और 29,666 सब-स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, एसबीआई में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशत लगभग 27% है।

हालांकि, एसबीआई के कर्मचारियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है, जो सभी सरकारी बैंकों में देखने को मिल रहा एक सामान्य ट्रेंड है। बिजनेस स्टैंडर्ड की वार्षिक रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में एसबीआई के पास 2,49,448 कर्मचारी थे, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह संख्या घटकर 2,32,296 रह गई, यानी पांच साल में 17,152 कर्मचारियों की कमी आई है।

इसी अवधि में, एचडीएफसी बैंक ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 96,556 का इज़ाफा किया, जो वित्त वर्ष 2020 में 1,16,971 से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 2,13,527 हो गई। सिर्फ वित्त वर्ष 2024 में ही बैंक ने 40,000 से अधिक कर्मचारियों को जोड़ा। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023 में 31,643, वित्त वर्ष 2022 में 21,486 और वित्त वर्ष 2021 में 3,122 कर्मचारियों की भर्ती की गई।

एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक में विलय के कारण वित्त वर्ष 2024 में अन्य वर्षों की तुलना में अधिक कर्मचारी जुड़े। बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “वित्त वर्ष 2024 महत्वपूर्ण था क्योंकि हमने एचडीएफसी लिमिटेड के कर्मचारियों का विलय के बाद स्वागत किया।”

एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों में से करीब 26 प्रतिशत महिलाएं हैं।

एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शशिधर जगदीशन ने बैंक की वित्त वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “बैंक, बाकी BFSI सेक्टर की तरह, हाल के समय में टैलेंट की अनिश्चितता का सामना कर रहा है। वित्त वर्ष 2023 में, कर्मचारियों का नौकरी छोड़ना बैंक के लिए एक बड़ी चिंता थी, जैसा कि पूरे उद्योग में देखा गया। हालांकि, वित्त वर्ष 2024 में इस समस्या में कुछ सुधार हुआ है, जो हमारे आंकड़ों में भी साफ दिखाई देता है।”

एचडीएफसी बैंक ने कर्मचारियों के छोड़ने को रोकने के लिए वित्त वर्ष 2024 में एक टास्क फोर्स बनाई, जिसने इसके कारणों की पहचान की और सुधार के लिए कदम उठाए। जगदीशन ने कहा, “मैनेजर्स अपने कर्मचारियों की देखभाल के जिम्मेदार होते हैं, और टीमों को बनाए रखने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए काफी कोशिशें की गई हैं।”

बैंक ने नए कर्मचारियों की ट्रेनिंग और प्रोफेशनल लर्निंग को बेहतर बनाने के लिए निवेश किया है और कर्मचारियों की समस्याएं समझने और उन्हें नौकरी छोड़ने से रोकने के लिए एक सक्रिय सुनवाई तंत्र भी शुरू किया है।

उन्होंने कहा, “इसका नतीजा यह रहा कि वित्त वर्ष 2024 में नए शामिल होने वाले कर्मचारियों के एट्रिशन में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, और कुल एट्रिशन दर में 7 प्रतिशत से ज्यादा की कमी देखी गई।”

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के कर्मचारियों की संख्या पिछले पांच सालों में 1.5 गुना बढ़ गई है और अब यह सरकारी बैंकों से ज्यादा हो गई है, जो उनके बढ़ते मार्केट शेयर को दर्शाता है।

RBI के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 के अंत में सरकारी बैंकों के पास 7,64,679 कर्मचारी थे, जबकि निजी बैंकों में 8,46,530 लोग काम कर रहे थे। वित्त वर्ष 2020 में सरकारी बैंकों के पास 7,70,409 कर्मचारी थे, जबकि निजी बैंकों के पास 5,54,950 कर्मचारी थे।

विशेषज्ञों के अनुसार, प्राइवेट बैंकों ने टियर-II और टियर-III शहरों में अपनी शाखाएं बढ़ाकर और कृषि, माइक्रोफाइनेंस जैसे ग्रामीण इलाकों के लोन प्रोडक्ट्स में कदम रखकर अपनी पहुंच और वित्तीय सेवाओं को मजबूत किया है। दूसरी तरफ, प्राइवेट बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंक उतनी तेजी से नई शाखाएं नहीं खोल रहे हैं।

First Published : September 27, 2024 | 4:03 PM IST