भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गुरुवार को लोन पर जोखिम भार (risk weights) बढ़ाने के फैसले के बाद कमर्शियल बैंक असुरक्षित ऋणों (unsecured loans) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
बैंकरों ने कहा कि दरें सख्त होने से ऐसे लोन प्रोडक्ट्स के लिए डिमांड प्रभावित होंगी।
Axis Bank के समूह कार्यकारी और खुदरा ऋण प्रमुख सुमित बाली ने कहा, ‘अनसिक्योर्ड प्रोडक्ट्स पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। हम सोमवार या मंगलवार तक इसके बारे में फाइनल फैसला लेंगे।
गुरुवार को, भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (consumer durables ) जैसे असुरक्षित ऋणों के लिए जोखिम भार 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया। बैंकों के क्रेडिट कार्ड के लिए जोखिम भार 125% से बढ़ाकर 150% और NBFCs के लिए इसे 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया गया।
बाली ने कहा कि एक्सिस बैंक का असुरक्षित ऋणों का कुल एक्सपोजर कुल बैंक लोन बुक का केवल 11% है, जो 30 सितंबर, 2023 तक 8.97 लाख करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, ‘89% लोन बुक सिक्योर्ड है। इसलिए यह एक बहुत ही मैनेजेबल नंबर है। 83% पर्सनल लोन बैंकों के मौजूदा ग्राहकों को दिए जाते हैं।