टाटा मोटर्स सावधि जमा (एफडी) के वितरक अब टाटा कैपिटल के अपरिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के असफल आवेदकों को रिझाने की तैयारी में जुटे हैं।
मालूम हो कि टाटा समूह की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के एनसीडी इश्यू की खरीदारी छह गुना से ज्यादा हो गई थी जो निर्धारित सीमा से कहीं ज्यादा है। इस वजह से कुछ सप्ताह पहले ही करीब 1,500 करोड रुपये असफल आवेदकों को लौटाए गए।
ऐसा इसलिए हुआ कि टाटा मोटर्स के एनसीडी इश्यू की खरीदारी निर्धारित सीमा से अधिक हो गई जिसमें ग्रीन शू ऑप्शन भी शामिल हैं। इस बाबत वित्तीय उत्पादों के अग्रणी वितरक बजाज कैपिटल के मुख्य परिचालन अधिकारी हरीश सभरवाल ने कहा कि हम करीब 60 फीसदी से ज्यादा आवेदकों को टाटा मोटर्स की एफडी योजना में निवेश करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे हैं।
टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने दिसंबर में शुरू की गई इस योजना के जरिए अब तक 1,160 करोड रुपये जुटाए हैं। पिछले चार सप्ताहों के दौरान कंपनी अपनी इस योजना में और गति प्रदान करने के लिए कुछ और वितरकों एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को भी अपनी इस योजना का हिस्सा बनाया है।
फिलहाल टाटा मोटर्स तीन साल की अवधि के संचयी जमा योजना पर 12.83 फीसदी का प्रतिफल दे रही है। हालांकि, टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को एफडी पर 13.5 फीसदी तक का प्रतिफल दिया जा रहा है। कोई भी निवेशक कंपनी की इस योजना का लाभ गुरूवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज में इसके शेयरों की खरीदारी कर उठा सकता है।
बड़ी संख्या में आवदेकों के फंड लौटाए गए हैं जिनमें अमीर निवेशक भी शामिल हैं जो अभी भी अपने पैसे केलिए सुरक्षित निवेश की तलाश कर रहे हैं। इस समय सरकारी बैंक तीन सालों की अवधि वाले जमा पर सालाना 8-9 फीसदी का प्रतिफल दे रहे हैं।
टाटा मोटर्स की एफडी योजना के प्रमुख वितरकों में से एक जेएम फाइनैंशियल के प्रमुख विपुल शाह ने कहा कि चूंकि दोनों कंपनियां टाटा समूह की हैं इसलिए हाय तौबा की स्थिति नहीं उत्पन्न हुई है।