वित्त-बीमा

Capital Expenditure: FY25 में पूंजीगत व्यय लक्ष्य को करेगी पार- सरकार का दावा; पर आंकड़े उठा रहे हैं सवाल

CGA के ताजा आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में केंद्र सरकार का कैपेक्स पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत कम हुआ।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- April 06, 2025 | 6:10 PM IST

Capital Expenditure FY25: सरकार को पूरा भरोसा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) का संशोधित लक्ष्य 10.18 लाख करोड़ रुपये को वह पार कर लेगी। यह दावा दो शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने शुरुआती आंकड़ों के आधार पर किया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “हमें अब तक जो आंकड़े मिले हैं, भले ही वे पूरे वित्त वर्ष के नहीं हैं लेकिन वे बताते हैं कि हम संशोधित कैपेक्स लक्ष्य को पार करने की स्थिति में हैं।”  

हालांकि, कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) द्वारा अप्रैल-फरवरी FY25 के लिए जारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। इनके मुताबिक, सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित कैपेक्स लक्ष्य से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पीछे है। संशोधित लक्ष्य को हासिल करने के लिए कैपेक्स में पिछले साल की तुलना में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जरूरत होगी।  

CGA के ताजा आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में केंद्र सरकार का कैपेक्स पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत कम हुआ। अप्रैल-फरवरी FY25 की अवधि में कुल खर्च संशोधित लक्ष्य का 79.7 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल के 85 प्रतिशत से कम है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में चुनाव और आचार संहिता की वजह से कैपेक्स की रफ्तार धीमी रही थी। सरकार ने FY25 के लिए अपने कैपेक्स अनुमान को बजट अनुमान (BE) की तुलना में करीब 93,000 करोड़ रुपये कम कर दिया था। वहीं, FY26 के लिए कैपेक्स आवंटन में 1 प्रतिशत से भी कम की बढ़ोतरी हुई है।  

वित्त मंत्री ने किया था बचाव

कैपेक्स को लेकर सरकार की स्थिति का बचाव करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में कहा था कि सरकार ने पूंजीगत खर्च में कोई कटौती नहीं की है। उन्होंने कहा था, “कैपेक्स में कोई कमी नहीं हुई है। FY25 के बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर FY26 में कैपेक्स आवंटन 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है। राज्यों को दी जाने वाली पूंजी सहायता भी उसी अनुपात में बढ़ी है।”  

एक्सपर्ट्स का मानना है कि वित्तीय मजबूती पर ध्यान देने के बावजूद सरकार को कैपेक्स को बढ़ावा देना जारी रखना होगा, क्योंकि इसका अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर पड़ता है और यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की अगली बढ़ोतरी के लिए जरूरी है।  

 EY इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने मार्च में प्रकाशित EY इकोनॉमी वॉच में कहा, “अगर सरकार का निवेश खर्च संशोधित अनुमानों से कम रहता है, जो पहले ही बजट अनुमान 11.1 लाख करोड़ रुपये से काफी कम थे, तो चौथी तिमाही में 7.6 प्रतिशत की GDP वृद्धि (FY25 में 6.5 प्रतिशत वृद्धि) हासिल करना मुश्किल हो सकता है।”

First Published : April 6, 2025 | 6:05 PM IST