बढ़ती ब्याज दरों से लेकर ऊंचे लागत दबाव की वजह से बिल्डिंग मैटेरियल सेक्टर, सिरेमिक्स, पेंट और एधेसिव, पाइप, वूड पैनल, सीमेंट और स्टील पर पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान दबाव पड़ा है।
विश्लेषकों का कहना है कि सार्सकोव 2 की ओमीक्रोन लहर, धीमी बिक्री वृद्धि, और उत्पादन लागत में वृद्धि का असर ग्राहकों पर डालने में देरी से इस क्षेत्र पर पिछले कुछ महीनों में प्रभाव पड़ा। उनका कहना है कि सकारात्मक बदलाव आने में अभी कुछ तिमाहियों का वक्त लगेगा। शेयरखान में सहायक शोध उपाध्यक्ष रोनाल्ड सियोनी ने कहा, ‘भले ही मांग परिवेश जनवरी-मार्च तिमाही में सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और शहरी आवासीय मांग में सुधार से बदला है, लेकिन टियर-3 शहरों और ग्रामीण इलाकों में कमजोरी रही। इस क्षेत्र के मार्जिन में वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही से सुधार आने की संभावना है, क्योंकि ऊर्जा और प्रमुख उत्पादन लागत तब तक घट जाएगी।’
इसे ध्यान में रखते हुए विश्लेषकों ने संबंधित क्षेत्रों की रेटिंग घटाई है और अल्पावधि चुनौतियों की वजह से वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के लिए आय अनुमानों में कटौती की है।
उदाहरण के लिए, निर्मल बांग ने विभिन्न कंपनियों द्वारा क्षमता विस्तार योजनाओं, लंबे समय तक लागत वृद्धि परिवेश, ऊंची प्रतिस्पर्धा को देखते हुए मूल्य निर्धारण क्षमता के अभाव की वजह से सीमेंट क्षेत्र के लिए अपने वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के एबिटा अनुमानों में कटौती की है।
निर्मल बांग की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इन समस्याओं से मध्यावधि में आय प्रभावित होगी। हम अब 9 प्रतिशत की एबिटा सालाना वृद्धि दर का अनुमान जता रहे हैं, जो वित्त वर्ष 2022-24 के लिए पिछले 18 प्रतिशत से कम है। हमने कमजोर परिचालन परिवेश को देखते हुए अपने कवरेज वाले शेयरों के लिए अपने उद्यम वैल्यू-एबिटा मल्टीपल में भी कटौती की है। इन मल्टीपल में और कमी किए जाने का अनुमान है।’
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने पेंट सेक्टर पर भी सतर्क रुख अपनाया है। जहां एशियन पेंट्स और बर्जर जैसी बड़ी कंपनियां बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए बिक्री और बाजार भागीदारी पर ध्यान बढ़ा सकती है, वहीं इंडिगो पेंट्स और एकजोनोबल इंडिया जैसी छोटी कंपनियां अपना मुनाफा सुरक्षित करना चाहेंगी। इससे नई कंपनियों के साथ मुकाबला करने में उन्हें मदद मिलेगी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कार्यशील पूंजी दिनों में भी इजाफा होगा। इस तरह से कम मार्जिन और ज्यादा पूंजी, आर्थिक मूल्य वृद्धि से छोटी/असंगठित कंपनियों के लिए गिरावट बढ़ सकती है। हमें कई सूचीबद्ध कंपनियों के लिए कम मूल्यांकन मल्टीपल की उम्मीद है।’ इस्पात क्षेत्र के संदर्भ में, राइट हॉराइजंस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के संस्थापक एवं फंड प्रबंधक अनिल रीगो का मानना है कि कुकिंग कोयला कीमतें उत्पादन लागत को प्रभावित कर रही हैं जिससे मार्जिन पर भी दबाव पड़ रहा है। बढ़ती गैस कीमतों से सिरेमिक उद्योग भी प्रभावित होगा। उनका मानना है कि इन सेगमेंट के लिए परिदृश्य अल्पावधि में कमजोर बना रहेगा।
