देश की एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) के खुदरा डिजिटल भुगतान को सुरक्षा मुहैया कराने के बावजूद बैंक इन लेन देन का निपटान करने से कुछ भी नहीं कमा रहे हैं। यह बैंकों की आय की तुलना में लागत तेजी से बढ़ने के प्रमुख कारणों से में एक है। यह जानकारी ऐक्सिस बैंक के एमडी व सीईओ अमिताभ चौधरी ने दी।
उन्होंने एफआईबीएसी कॉन्फ्रेंस में सोमवार को कहा, ‘यूपीआई को निपटान को लिए सभी सेवाएं मुहैया कराने के बावजूद हमें एक पैसे तक का भुगतान नहीं किया जाता है। पहले कुछ सब्सिडी दी जाती थी और यह भी पहले की तुलना में घटकर एक तिहाई हो गई है।’ उन्होंने यह टिप्पणी भारत के बैंकों की लागत बढ़ने के अनुरूप आमदनी नहीं बढ़ने के सवाल के जवाब में दी।
चौधरी ने कहा कि विश्व की अन्य मार्केट की तुलना में (बैंक) आय कम है। मेरे विचार से नियामक ने बड़े समुदाय या बड़ी संख्या में ग्राहकों से न्यूनतम शुल्क वसूलने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के हिते में कई शुल्क वापस लिए जाने के कारण आय घटी है। बीसीजी के मुताबिक भारत के बैंकिंग उद्योग के परिचालन की लागत का अनुपात बीते 15 वर्षों में बढ़ा है।