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धीमी गति से बढ़ रहा लघु वित्तीय बैंक मॉडल, शुरू होने के 10 साल बाद भी RBI मंजूरियां देने में सतर्क

Small finance bank: वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में नार्थ ईस्ट स्मॉल फाइनैंस बैंक को छोड़कर 11 Small Finance Banks का net profit 23 फीसदी अधिक 1,525 करोड़ रुपये रहा।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- April 24, 2024 | 9:14 PM IST

लघु वित्त बैंक मॉडल (small finance bank model ) को शुरू हुए 10 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन यह अभी भी अपनी जड़ें तलाश रहा है। बैंक विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षेत्र का नियामक (भारतीय रिजर्व बैंक) मंजूरियां देने में सावधानी बरत रहा है।

इस श्रेणी में नवंबर 2021 में आखिरी लाइसेंस पाने वालों में से एक यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक (Unity Small Finance Bank ) था। दिसंबर 2023 तक देश में 12 लघु वित्तीय बैंक थे। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते महीने फिनकेयर स्मॉल फाइनैंस बैंक और एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक (AU SFB) के एकीकरण (amalgamation) को मंजूरी दी।

एक निजी क्षेत्र के बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘RBI यह देख रहा है कि हालिया लघु वित्तीय बैंक कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका ध्येय यह है कि मॉडल सुचारु रूप से कार्य करे और इनकी संख्या बढ़ाने से शायद कोई फायदा नहीं होने वाला।’

उन्होंने कहा कि लघु वित्तीय बैंक के हालिया मॉडल में धीमे मंजूरी दिए जाने का प्रमुख कारण यह है कि लघु वित्तीय बैंकों के मौजूदा मॉडल का पूरी तरह से परीक्षण नहीं हो पाया है।

RBI ने बीते सप्ताह दो आवेदन – द्वार क्षेत्रीय ग्रामीण फाइनैंशियल सर्विसेज (Dvara Kshetriya Gramin Financial Services ) और टैली सोल्यूशंस (Tally Solutions) को निरस्त कर दिया था।

डिजिटल भुगतान पर RBI की समिति की पूर्व सदस्य अरुणा शर्मा ने बताया कि लघु वित्तीय बैंकों को लाइसेंस मिल चुका है लेकिन उनमें स्थायित्व आना है। सेवानिवृत्त IAS अधिकारी शर्मा ने कहा, ‘हालिया समय में कानूनों का पालन करने के मुद्दे पर कई बैंकों पर नियमित रूप से दंड लगाया गया है। लिहाजा नियामक कानून पालन के मुद्दे पर सख्ती बरत रहा है।’

आंतरिक जांच समिति में आरबीआई के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर हैं। यह समिति सभी आवेदनों की जांच करती है और अपनी सिफारिश RBI के केंद्रीय बोर्ड को अंतिम फैसले के लिए भेजती है। भले ही कोई आवेदन पात्रता के मानदंडों को पूरा करता हो तो भी आरबीआई के पास आवेदन को निरस्त करने का अधिकार है।

वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में नार्थ ईस्ट स्मॉल फाइनैंस बैंक को छोड़कर 11 लघु वित्तीय बैंकों का शुद्ध लाभ बीते साल की इस अवधि की तुलना में 23 फीसदी अधिक 1,525 करोड़ रुपये था जबकि यह बीते साल की इस अवधि में 1,240 करोड़ रुपये था। निवेश सूचना और रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में लघु वित्तीय बैंकों की वृद्धि करीब 22-25 फीसदी के करीब रहेगी।

ICRA Ltd के फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट व ग्रुप हेड कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, ‘उद्योग के लिए अपने जमा आधार में सुधार के स्तर को बढ़ाना और विकास को बढ़ाने के लिए स्थिर खुदरा जमा फ्रेंचाइजी का निर्माण करना महत्त्वपूर्ण है।’

First Published : April 24, 2024 | 9:14 PM IST