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रीपो 3 साल के उच्च स्तर पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 2:31 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रीपो दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.9 फीसदी करने का आज निर्णय किया। पिछले आठ महीने से खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के सहज दायरे 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है जिसकी वजह से दरों में इजाफा उम्मीद के अनुरूप है। एमपीसी की बाह्य सदस्य आशिमा गोयल ने रीपो दर में 35 आधार अंक बढ़ोतरी के पक्ष में फैसला दिया था जबकि अन्य सभी सदस्यों ने 50 आधार अंक बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।

इस साल मई से रीपो दर में 190 आधार अंक का इजाफा किया जा चुका है, जिससे रीपो दर तीन साल के उच्च स्तर 5.9 फीसदी पर पहुंच गई है। एमपीसी ने समायोजन वाले रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय किया। बाह्य सदस्य जयंत वर्मा को छोड़कर सभी सदस्यों ने इसके पक्ष में मत दिया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं और आगे भी इसमें तेजी के संकेत हैं जिससे वित्तीय स्थिति सख्त हो रही है और बाजार में भारी उतार-चढ़ाव बना है। वित्तीय बाजार में एक तरह की घबराहट है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि अनिश्चित वैश्विक हालात के बावजूद  अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने माना कि घरेलू बाजार में मुद्रास्फीति ऊंची है लेकिन कहा कि इसमें कमी आने की उम्मीद है।
आरबीआई के अनुसार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति घटकर 5 फीसदी रह सकती है। बाजार भागीदारों का एक वर्ग समायोजन वाले रुख को बदलकर तटस्थ करने की उम्मीद कर रहा था। दास ने कहा कि जून 2019 में जब रुख को तटस्थ से समायोजन वाला किया गया था जब बाजार में तरलता की कमी थी और मुद्रास्फीति रीपो से नीचे थी। लेकिन अब स्थिति उलट गई है और वास्तविक दरें कम हैं, तरलता काफी ज्यादा है। पिछली बैठक के बाद दास ने रुख में किन हालात में बदलाव होगा, उसके बारे में कुछ नहीं कहा था।
एचडीएफसी बैंक ने नोट में कहा कि केंद्रीय बैंक ने समायोजन वाले रुख को वापस लेने की बात कही है लेकिन हमारे अनुमान के मुताबिक इसे तटस्थ नहीं किया।  एचडीएफसी बैंक को उम्मीद है कि आरबीआई वित्त वर्ष के अंत तक रीपो 6.5 फीसदी तक बढ़ा सकता है। इसी तरह नोमुरा ने कहा कि रीपो दर 6.50 फीसदी तक हो सकती है। पहले उसने 6.15 फीसदी का अनुमान लगाया था। 
भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘ दिसंबर में भी रीपो दर में 35 आधार अंक का इजाफा हो सकता है लेकिन दिसंबर के बाद इसमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।’
जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के आंकड़े अनुमान से कम रहने के बाद आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के अपने अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। हालांकि कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट के बावजूद मुद्रास्फीति का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है।
लुढ़कते रुपये को सहारा देने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करने पर आरबीआई को आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। हालांकि दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 67 फीसदी की कमी आई है और यह डॉलर के मूल्य में बदलाव की वजह से हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरबीआई ने रुपये के लिए किसी विनियम दर को लक्षित नहीं किया है। 
सितंबर में कछ समय बैंकिंग तंत्र में  नकदी की कमी देखी गई। इस पर दास ने कहा कि सरकार की ओर से खर्च बढ़ाए जाने से आगे इसमें सुधार होगा और अग्रिम कर के कारण कम हुई नकदी का असर भी दूर हो जाएगा।  

First Published : September 30, 2022 | 9:51 PM IST