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‘बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी’, बोले RBI गवर्नर: भारतीय बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाने पर चल रहा विचार

ऐसी अटकलें लग रही हैं कि आरबीआई उन दिशानिर्देशों में बदलाव पर विचार कर सकता है जिनमें विदेशियों को भारतीय बैंकों में अधिक हिस्सेदारी रखने की इजाजत मिल सकती है।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- June 06, 2025 | 9:34 PM IST

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ ज्यादा बैंकों की जरूरत भी बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौजूदा समय में बैंक लाइसेंसिंग के लिए स्वामित्व ढांचे और पात्रता मानदंडों की समीक्षा कर रहा है।

मौद्रिक नीति के बाद संवाददाता सम्मेलन में मल्होत्रा ने कहा, ‘एक आम आदमी अपने पैसे बैंकों में रहने पर भरोसा करता है। बैंक में एक भरोसेमंद व्यक्ति, मालिक और प्रबंधक का होना महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए हमारे पास किस तरह के पात्रता मानक होने चाहिए? हमारे पास किस तरह की शर्तें होनी चाहिए? हमें इस बारे में सभी से बात करनी चाहिए। हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। हमें और बैंकों की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए अगर बदलाव की जरूरत है, तो की जाएगा।’ 

ऐसी अटकलें लग रही हैं कि आरबीआई उन दिशानिर्देशों में बदलाव पर विचार कर सकता है जिनमें विदेशियों को भारतीय बैंकों में अधिक हिस्सेदारी रखने की इजाजत मिल सकती है।  हालांकि पोर्टफोलियो निवेशकों सहित विदेशी निवेशक भारतीय बैंकों में 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रख सकते हैं, लेकिन नियमों के तहत किसी एक प्रमुख विदेशी निवेशक की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत पर सीमित है। 5 प्रतिशत से ऊपर की किसी भी होल्डिंग के लिए आरबीआई से मंजूरी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, किसी प्रमोटर या रणनीतिक निवेशक की किसी भी बड़ी शेयरधारिता पर मतदान अधिकारों पर 26 प्रतिशत की सीमा है। मल्होत्रा ने कहा, ‘हम प्रवासियों के लिए 15 प्रतिशत की अनुमति देते हैं, लेकिन अलग अलग मामले के आधार पर यह 15 प्रतिशत से ऊपर जा सकती है। इसमें तत्काल कोई बदलाव नहीं किया गया है।’ हाल के समय में आरबीआई ने फेयरफैक्स को कैथोलिक सीरियन बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी।

हाल में, जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और निजी क्षेत्र के सात बैंकों से यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया है, जिन्होंने मार्च 2020 में उसके पुनर्गठन के दौरान यस बैंक में 13,482 करोड़ रुपये लगाए थे। 

इसके अलावा, दुबई मुख्यालय वाले एमिरेट्स एनबीडी बैंक पीजेएससी आईडीबीआई बैंक में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने पर नजर टिका रहा है। ऐमिरेट्स एनबीडी बैंक पीजेएससी ने भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई बनाने के लिए आरबीआई से मंजूरी हासिल की है। सरकार ने आईडीबीआई बैंक में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की है। सरकार 30.48 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है जबकि एलआईसी इसमें 30.24 फीसदी हिस्सा बेचेगा। आरबीआई इस समय निवेशकों के फिट ऐंड प्रॉपर मानदंडों का आकलन कर रहा है।

इस बीच, यूनिवर्सल बैंकों में तब्दील किए जाने की मांग करने वाले स्मॉल फाइनैंस बैंकों के आवेदनों के संबंध में सवाल का जवाब देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि इस निर्णय के लिए कोई समय-सीमा नहीं है, लेकिन आवेदनों पर काम चल रहा है।

First Published : June 6, 2025 | 9:19 PM IST