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बैंकों के डेरिवेटिव खातों की जांच कर रहा आरबीआई

आरबीआई बैंकों से इस बात की पुष्टि करना चाहता है कि क्या हेजिंग प्रभावी तरीके से की गई है और इंडसइंड बैंक का मामला किसी बड़ी समस्या का हिस्सा तो नहीं है।

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एजेंसियां   
Last Updated- March 12, 2025 | 11:05 PM IST

बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कुछ निजी और सरकारी बैंकों के डेरिवेटिव निवेश की जांच कर रहा है। इंडसइंड बैंक के अपने डेरिवेटिव खातों में चूक का खुलासा करने के बाद ऐसा किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने लेनदारों को अपनी विदेशी उधारी और जमाओं के अलावा विदेशी मुद्रा की हेजिंग पोजीशन की विस्तृत जानकारी मांगी है।

सोमवार को निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने फॉरेक्स लेनदेन से जुड़ी हेजिंग लागत का कम अनुमान लगाने के चलते नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी की चोट पड़ने की खबर दी थी। एक सूत्र ने कहा, आरबीआई बैंकों से इस बात की पुष्टि करना चाहता है कि क्या हेजिंग प्रभावी तरीके से की गई है और इंडसइंड बैंक का मामला किसी बड़ी समस्या का हिस्सा तो नहीं है। इस बारे में जानकारी के लिए आरबीआई को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।

1 अप्रैल 2024 से बैंकों के लिए नए निवेश मानदंड लागू होने से पहले बैंकों की परिसंपत्ति देयता प्रबंधन और ट्रेजरी डेस्क को इंटरनल स्वैप में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी जहां एक नकदी प्रवाह की दूसरे से अदलाबदली की जाती है।

इंडसइंड बैंक के मुख्य कार्याधिकारी सुमंत कठपालिया ने मंगलवार को कहा था कि ऐसे सौदों को समय से पहले समाप्त करने से हुए लाभ को तो शामिल कर लिया गया, लेकिन नुकसान को शामिल नहीं किया गया।

First Published : March 12, 2025 | 10:52 PM IST