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डिजिटल धोखाधड़ी रोकने का प्लेटफॉर्म शीघ्र शुरू हो

मंत्रालय ने रिजर्व बैंक से डीपीआईपी शीघ्र शुरू करने का अनुरोध किया है

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हर्ष कुमार   
Last Updated- September 30, 2025 | 10:23 PM IST

वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीपीआईपी) को जारी करने में देरी पर चिंता जताई है। यह प्लेटफॉर्म महत्वाकांक्षी पहल है। इसका ध्येय डिजिटल भुगतान में धोखधड़ी को रोकना और भुगतान सुरक्षा को बढ़ाना है। यह जानकारी अधिकारी ने गुप्त रखने की शर्त पर दी।

अधिकारी ने बताया, ‘मंत्रालय ने रिजर्व बैंक से डीपीआईपी शीघ्र शुरू करने का अनु्रोध किया है। मंत्रालय ने ऑनलाइन भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी पर चिंता जताई है। मंत्रालय ने समन्वय की जरूरत और वास्तविक समय पर निगरानी प्रणाली अपनाने का अनुरोध किया है।’

रिजर्व बैंक ने भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के पूर्व एमडी व मुख्य कार्याधिकारी एपी होता की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। इस समिति का गठन सार्वजनिक डिजिटल आधारभूत ढांचे के विभिन्न पहलुओं की जांच करने के लिए हुआ था। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक को ईमेल भेजा गया था लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला था।

डीपीआईपी एक बार कार्य करना शुरू करने के बाद विभिन्न स्रोतों से आंकड़ों का विश्लेषण करेगा और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों को रोकेगा। यह प्लेटफॉर्म वास्तविक समय के आधार पर आंकड़े का विश्लेषण करने के अलावा सुरक्षित लेन देन सुनिश्चित करेगा। रिजर्व बैंक इनोवेशन हब को पांच से 10 बैंकों के साथ परामर्श करके डीपीआईपी का प्रोटोटाइप बनाने का काम सौंपा गया है।

First Published : September 30, 2025 | 10:22 PM IST