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5 साल में 4 गुना बढ़ी बैंक धोखाधड़ी की संख्या, लेकिन रकम में आई कमी: RBI Annual Report

निजी बैंकों में धोखाधड़ी की संख्या सरकारी बैंकों की तुलना में तीन गुना से ज्यादा है, उसके बावजूद सरकारी बैंकों में धनराशि के हिसाब से ज्यादा धोखाधड़़ी हुई है।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- May 30, 2024 | 10:30 PM IST

बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी की संख्या पिछले 5 साल के दौरान 4 गुना बढ़ी है, लेकिन धोखाधड़ी की राशि उल्लेखनीय रूप से घटकर करीब 14,000 करोड़ रुपये रह गई है, जो वित्त वर्ष 2020 में 1.85 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी।

आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले तीन वर्षों में निजी क्षेत्र के बैंकों ने सबसे अधिक धोखाधड़ी की सूचना दी। जबकि,  सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने धोखाधड़ी की राशि में अधिकतम योगदान देना जारी रखा।

अगर धोखाधड़ी की संख्या की स्थिति देखें तो यह ज्यादातर डिजिटल भुगतान (कार्ड या इंटरनेट) में हुई है। यह वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 29,082 हो गई, जो वित्त वर्ष 2020 में 2,677 थी।

मूल्य के हिसाब से देखें तो मुख्य रूप से ऋण पोर्टफोलियो में धोखाधड़ी हुई है, जिसकी राशि घटकर वित्त वर्ष 2024 में 11,772 करोड़ रुपये रह गई है, जो वित्त वर्ष 2020 में 1,81,942 करोड़ रुपये थी।

निजी बैंकों में धोखाधड़ी की संख्या सरकारी बैंकों की तुलना में तीन गुना से ज्यादा है, उसके बावजूद सरकारी बैंकों में धनराशि के हिसाब से ज्यादा धोखाधड़़ी हुई है।

First Published : May 30, 2024 | 10:30 PM IST