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बैंकों की उधारी दरों में बढ़ोतरी शुरू

Last Updated- December 11, 2022 | 7:47 PM IST

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कुछ अन्य बड़े बैंकों ने मानक उधारी दरों में इजाफा शुरू कर दिया है। इन बैंकों की उधारी दर बढऩे का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा क्योंकि अब उन्हें आवास, वाहन और अन्य खुदरा ऋणों पर अधिक भुगतान करना होगा।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कोष पर सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में 15 आधार अंक का इजाफा कर दिया है। यह बढ़ोतरी विभिन्न अवधि के ऋणों पर 15 अप्रैल से प्रभावी हो गई है। बैंक ने एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर संशोधित कर 7.1 प्रतिशत कर दी है जबकि दो और तीन वर्ष की अवधि की एमसीएलआर बढ़ कर अब क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 4 प्रतिशत हो गई हैं। एमसीएलआर मानक ब्याज दर होती है। यह वह न्यूनतम दर होती है जिस पर बैंक ग्राहकों को ऋण देते हैं। ज्यादातर ऋण एक वर्ष की अवधि की एमसीएलआर से जुड़े होते हैं।  
देश में निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक ऐक्सिस बैंक ने आज से ही एमसीएलआर 5 आधार अंक बढ़ा दी है। निजी क्षेत्र के ही कोटक महिंद्रा बैंक ने एक वर्ष की अवधि की एमसीएलआर 5 आधार अंक बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दी है। यह वृद्धि 16 अप्रैल से प्रभावी हो गई है। पिछले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी 12 अप्रैल से एमसीएलआर में 5 आधार अंक वृद्धि करने की घोषणा की थी।
आरबीआई के रुख में बदलाव के बाद इन बैंकों ने मानक उधारी दर में इजाफा करना शुरू किया है। कुछ दिनों पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद जारी बयान में आरबीआई ने सतर्क रवैया अपनाने का संकेत दिया था। केंद्रीय बैंक ने संकेत दिए थे कि अब आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के बजाय महंगाई नियंत्रित करना उसकी पहली प्राथमिकता हो गई है। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने कहा था कि आने वाले समय में वित्तीय प्रोत्साहन धीरे-धीरे वापस लिए जाएंगे। अर्थशास्त्रियों को लगता है कि आरबीआई इस वित्त वर्ष में रीपो दर कम से कम 4 बार बढ़ा सकता है।
पिछले कुछ महीनों में बैंकों ने जमा दरें भी बढ़ाई थीं। बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल में कहा था कि कुछ अवधि की जमा दरों में इजाफा किया गया है।

First Published - April 18, 2022 | 11:41 PM IST

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