देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने अपनी सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में 35 आधार अंक तक का इजाफा किया है। यह दर वृद्धि 7 जून से प्रभावी है। बैंक मई के शुरू में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा रीपो दर 40 आधार अंक बढ़ाए जाने के बाद से अपनी एमसीएलआर में 60 आधार अंक तक का इजाफा कर चुका है। पिछले महीने ऋणदाता ने अपनी एमसीएलआर में 25 आधार अंक तक की वृद्धि की थी। यह वृद्धि एमपीसी द्वारा रीपो दर बढ़ाने के बाद की गई थी।
एचडीएफसी बैंक द्वारा उधारी दर में 35 आधार अंक की यह वृद्धि एमपीसी की बैठक से एक दिन पहले की गई है। 6 सदस्यीय एमपीसी द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर बढ़ाए जाने की संभावना है। 18 मई को एचडीएफसी बैंक ने सभी अवधियों की (2 करोड़ रुपये से कम के लिए) सावधि जमा दरें 50 आधार अंक तक बढ़ा दी थी, 5 साल 1 से 10 साल की श्रेणी को छोड़कर।
बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में उम्मीद जताई गई कि एमपीसी रीपो दरें फिर से 50 आधार अंक तक बढ़ा सकती है। सर्वे में शामिल 10 में से 6 विश्लेषकों ने 50 आधार अंक की वृद्धि का अनुमान जताया, जबकि शेष ने कहा कि यह 35-40 आधार अंक के बीच हो सकती है। पिछले सप्ताह एचडीएफसी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, और बैंक ऑफ इंडिया समेत कई अन्य ऋणदाताओं ने अपनी एमसीएलआर में इजाफा किया था। एचडीएफसी ने 1 जून से आवास ऋण पर ब्याज दर 5 आधार अंक तक बढ़ा दी है।