facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

कंपनी ऐक्ट में होंगे सरकारी बैंक!

Last Updated- December 12, 2022 | 5:47 AM IST

केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को कंपनी अधिनियम के तहत लाने की संभावना तलाश रही है। सरकार ने केंद्रीय बजट में 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी, जिसके तहत यह कवायद हो रही है।
वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों के निजीकरण के लिए कानून में संशोधन पर चर्चा कर रहा है और इन्हें बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन ऐंड ट्रांसफर आफ अंडरटेकिंग) ऐक्ट, 1970 और द बैंकिंग कंपनीज (एक्विजिशन ऐंड ट्रांसफर आफ अंडरटेकिंग) ऐक्ट, 1980 के दायरे से बाहर लाने पर विचार कर रहा है।
इससे ऐसे बैंकों को बैंकिंग रेगुलेशन ऐक्ट और कंपनीज ऐक्ट के तहत लाया जा सकेगा और अलग से निजी व विदेशी मालिकाना की सीमा में संशोधन, मतदान के अधिकार के अलावा अन्य नियमों में संशोधन की जरूरत नहीं होगी। बहरहाल अभी संभावना तलाशी जा रही है और इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है।
अधिकारी ने कहा कि कानून संबंधी बदलाव संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा।  पूर्व वित्तीय सेवा सचिव डीके मित्तल ने कहा, ‘सरकार को निदेशकों की नियुक्ति और बैंक राष्ट्रीयकरण अधिनियम के तहत मौजूदा मालिकाना के विशेष प्रावधनों को हटाना होगा। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वाणिज्यिक बैंकों की तरह हो जाएंगे।’ मित्तल ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को व्यक्तिगत रूप से छूट दे सकती है, जिनका निजीकरण होना है।
अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही सरकार उन दो बैंकों के चयन पर भी काम कर रही है, जिनका निजीकरण होना है।
केंद्रीय बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक के अलावा 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि विधायी संशोधन बजट सत्र में पेश किया जाएगा। बहरहाल कोविड-19 के प्रसार के कारण संसद के सत्र का समय घटा दिया गया था, जिसकी वजह से विधेयक में देरी हो रही है और  यह कानून अगले सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। डीवीएस एडवाइजर्स एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर दिवाकर विजयसारथी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कंपनी अधिनियम के तहत लाए जाने से निजीकरण प्रक्रिया में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह है कि पीएसबी अब सामाजिक प्रतिबद्धताओं के बोझ में नहीं रहेंगे, जो उन्हें रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक करना होता है। ये बैंक मुनाफे पर केंद्रित हो सकेंगे और शेयरधारकों को मुनाफा देकर निजी पूंजी आकर्षित कर सकेंगे।’

First Published - April 17, 2021 | 12:16 AM IST

संबंधित पोस्ट