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बैंकों की लोन ग्रोथ में 2 फीसदी गिरावट का अनुमान, GDP पर भी दिखेगा असर: CRISIL रिपोर्ट

CRISIL Ratings: ओवरऑल क्रेडिट में 16 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ सूक्ष्म, लघु उद्यम (MSME) सेगमेंट में ग्रोथ FY25 में 15 फीसदी होने का अनुमान है।

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अभिजित लेले   
Last Updated- May 28, 2024 | 11:20 PM IST

Bank credit growth: भारत के बैंकों में बढ़ रही लोन लेने की रफ्तार में चालू वित्त वर्ष में गिरावट देखने को मिल सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने आज अपनी रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 25 (FY25) में बैंक क्रेडिट ग्रोथ पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 2 फीसदी कम होकर 14 फीसदी पर आ सकती है। FY23 और FY24 में सालाना आधार पर (YoY) बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ (ऋण वृद्धि) 16 फीसदी थी।

क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि FY25 में क्रेडिट ग्रोथ पर लोगों की इनकम में बढ़ोतरी होने की वजह से हाई बेस इफेक्ट, रिस्क वेटेज में रिवीजन और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में थोड़ी कमी का असर दिखेगा। मजबूत आर्थिक गतिविधि और रिटेल क्रेडिट डिमांड ने पिछले वित्त वर्ष (FY24) में लोन ग्रोथ को बढ़ावा दिया।

क्रेडिट डिमांड के लिए बुनियादी जरूरतें मोटे तौर पर बरकरार हैं और निजी कॉरपोरेट पूंजीगत खर्च (capex) में सुधार, विशेष रूप से FY25 की दूसरी छमाही में, इसे और मजबूती प्रदान करेंगे।

डिपॉजिट ग्रोथ और क्रेडिट ग्रोथ का अंतर हुआ कम

CRISIL ने एक बयान में कहा कि जमा वृद्धि (deposit growth) की गति ऋण वृद्धि (credit growth) पर भी नियंत्रण रख सकती है, भले ही पिछले साल के दौरान दोनों के बीच अंतर कम हो गया हो। FY24 में जमा जुटाने की गति में तेजी आई। FY24 में इसमें 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि FY23 में यह 10 फीसदी थी। जमा वृद्धि और ऋण वृद्धि के बीच का अंतर FY23 में करीब 6 फीसदी से घटकर FY24 में 3 फीसदी हो गया।

ऐसे में ओवरऑल क्रेडिट ग्रोथ को देखा जाए तो कॉरपोरेट सेगमेंट FY25 में 13 फीसदी की स्थिर वृद्धि (steady growth) देखेगा। बता दें कि कॉरपोरेट सेगमेंट की बैंक एडवांस में 45 फीसदी हिस्सेदारी है। बैंक एडवांस में 28 फीसदी हिस्सेदारी के साथ रिटेल सेक्टर में 16 फीसदी की बढ़ोतरी दिखेगी।

FY24 में क्यों ज्यादा रही क्रेडिट ग्रोथ

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक (senior director) अजीत वेलोनी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 में कॉरपोरेट क्रेडिट ग्रोथ को प्राइवेट सेक्टर के औद्योगिक पूंजीगत खर्च (industrial capex ) से मदद मिली। यह इस उम्मीद पर आधारित है कि GDP ग्रोथ 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी।’

बैंकों के रिटेल लोन में भी आएगी कमी

वित्त वर्ष 2024 में 17 फीसदी के मुकाबले FY25 में रिटेल लोन थोड़ा कम 16 फीसदी पर दर्ज किया जाएगा। इस सेगमेंट को असुरक्षित उपभोक्ता ऋण (unsecured consumer credit) में कम वृद्धि का दबाव देखने को मिल सकता है क्योंकि बैंक एक्स्ट्रा 25 फीसदी अंक रिस्क वेटेज की रेगुलेटरी शर्त के बाद अपनी रणनीतियों को फिर से तैयार करते हैं और धोखाधड़ी की स्थिति में संभावित वृद्धि का मुकाबला करने के लिए अपनी अंडरराइटिंग प्रोसेस को मजबूत करते हैं।

HDFC Bank के मर्जर का भी दिखेगा असर

हाई बेस इफेक्ट, विशेष रूप से FY24 में एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय (HDFC Limited-HDFC Bank merger) का भी रिटेल ग्रोथ पर असर पड़ेगा।

MSME सेगमेंट से भी कम लोन लेने का अनुमान

ओवरऑल क्रेडिट में 16 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ सूक्ष्म, लघु उद्यम (MSME) सेगमेंट में ग्रोथ FY25 में 15 फीसदी होने का अनुमान है। हाई बेस की वजह से FY24 में इसमें 19 फीसदी की मजबूत वृद्धि हुई है। डाउनस्ट्रीम कैपेक्स में सुधार, केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में MSME की भूमिका और उत्पादकता-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLI) से प्राप्त लाभ का भी ओवरऑल क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने में सपोर्ट मिलेगा।

साथ ही, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार सहित क्षेत्र के ज्यादा फॉर्मलाइजेशन के साथ, बैंकों के लिए जरूरी बेस का लगातार विस्तार हो रहा है।

एजेंसी ने कहा कि कृषि ऋण वृद्धि (agricultural credit growth) मानसून के रुझान से जुड़ी रहेगी, लेकिन मजबूत वित्तीय वर्ष 2024 के कारण इसमें नरमी देखी जा सकती है।

First Published : May 28, 2024 | 4:56 PM IST