दिल्ली के धनवर्षा समूह ने पुरानी पीढ़ी के धनलक्ष्मी बैंक खरीदने के लिए अनचाही पेशकश सामने रखा है। सूत्रों ने कहा कि धनवर्षा ने 11.85 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से पेशकश की है, यानी बैंक की पूरी इक्विटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। शुक्रवार को बैंक का शेयर एनएसई पर 3.77 फीसदी की बढ़त के साथ 12.40 रुपये पर बंद हुआ।
सूत्रों ने कहा, धनवर्षा ने अपना प्रस्ताव बैंक के निदेशक मंडल के सदस्यों को भेजा है। अगर बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो इस सौदे को रिजर्व बैंक की मंजूरी की दरकार होगी। बैंकिंग नियामक फिट ऐंड प्रॉपर मानदंड पर इसकी जांच करेगा।
धनवर्षा समूह के चेयरमैन अंशुमन जोशी ने कहा, बैंक को प्रस्ताव भेज दिया गया है। हम उसके इक्विटी की तरफ से स्वाकार्यता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमें आरबीआई की मंजूरी की भी दरकार होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका समूह उतनी हिस्सेदारी लेने के लिए तैयार है, जिसकी मंजूरी आरबीआई देगा। इस बारे में धनलक्ष्मी बैंक ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब नहीं दिया।
सूत्रों ने कहा कि बैंक के निदेशक मंडल की तरफ से इस प्रस्ताव की स्वीकार्यता के बाद धनवर्षा समूह जांच परख यानी ड्यू डिलिजेंस करेगा और फिर विस्तृत प्रस्ताव आरबीआई को सौंपेगा।
धनवर्षा ने अपने प्रस्ताव में कहा है, आरबीआई की मंजूरी के बाद हम अपने मर्चेंट बैंकरों के जरिए खुली पेशकश की प्रक्रिया शुरू करेंगे। धनलक्ष्मी बैंक की 245 शाखाएं हैं, जो मुख्य रूप से शहरी व अर्धशहरी इलाकों में हैं। उसकी परिसंपत्ति जून 2022 में 14,169 करोड़ रुपये की थी। उसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार दिखा है और 2021-22 की पहली तिमाही के 9.27 फीसदी के सकल एनपीए मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.35 फीसदी रह गया।
मार्च तिमाही में 23.42 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करने के बाद बैंक ने जून तिमाही (2022-23) में 26.43 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया।