Categories: बैंक

डाबरः कम हुई शक्ति

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:23 PM IST

पिछले एक साल में डाबर का शेयर बाजार में प्रदर्शन बीएसई एफएमसीजी की तुलना में 25 प्रतिशत कमजोर रहा है। यह तब है जब कंपनी ने पिछले साल स्वास्थ्य और सौंदर्य के रिटेल क्षेत्र में उतरने की घोषणा की थी। पर यह सामान्य रिटेल उद्यम नहीं बल्कि इसमें काफी निवेश की जरूरत होती है। ऐसे में कुछ समय तक कंपनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। चिंता की बात यही है।


एफएमसीजी कंपनी जूस से लेकर शैम्पू और मच्छर मारने वाली टिकिया जैसे तमाम तरह के उत्पाद बेचती हैं। कंपनी के तमाम उत्पादों को राष्ट्रीय और स्टोर ब्रांड्स, दोनों से प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ता है। इन उत्पादों का सीमित बाजार होने से अपना ब्रांड जमाने के लिए विज्ञापन पर काफी खर्च करना पड़ता है। नए उत्पादों को बाजार में लॉन्च करने और  कारोबार बनाए रखने के लिए उनकी कीमत प्रतियोगी रखने का दबाव भी होता है। जाहिर है कि इससे कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ता है।


हालांकि बहुत ज्यादा प्रतिद्वंद्विता नहीं होने के बावजूद पिछली चार तिमाही में डाबर का प्रदर्शन मंदा रहा है और उसकी बढ़त दर 11 से 20 फीसदी के बीच रही है। केवल पहली तिमाही में कंपनी की बढ़त दर अच्छी रही है। दिसंबर 2007 की तिमाही में कंपनी की विकास दर थोड़ी कम रहकर 14.7 फीसदी के करीब रही। हालांकि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में शैम्पू, टूथपेस्ट और फूड बिजनेस ने कंपनी का प्रदर्शन बेहतर किया।


पिछली चार तिमाही में परिचालन लाभ में उतार-चढ़ाव देखा गया, जो 14 से 18.5 फीसदी के बीच रहा। लगात में कमी और मूल्य बढ़ने के बावजूद दिसंबर 2007 की तिमाही में कंपनी का मार्जिन 18 फीसदी रहा।  कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हेल्थकेयर और होम केयर उत्पादों का बाजार में मंदी के कारण कमाई उतनी नहीं बढ़ रही है।  हालांकि डाबर अपना व्यापार बढ़ाने पर पूरा ध्यान दे रही है और  उसके कई उत्पाद बाजार में हैं। कंपनी के शेयर की कीमत वर्तमान में 100 रुपये है। मौजूदा वृध्दि को देखते हुए यह शेयर इस कीमत पर महंगा लगता है।

First Published : February 28, 2008 | 9:45 AM IST