लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) की ऋण जरूरतों को ध्यान में रख कर और उन्हें आर्थिक मंदी के विपरीत असर से मुकाबला करने में सक्षम बनाए जाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भुवनेश्वर में ‘एसएमई लोन फैक्टरी’ की शुरुआत की है।
बैंक द्वारा देश में खोला गया इस तरह का यह 33वां और उड़ीसा में पहला केंद्र है। यह केंद्र बेहद कम समय में और आसान प्रक्रिया के जरिये एसएमई ग्राहकों के लिए उत्पाद और सेवाएं मुहैया कराएगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के महा प्रबंधक (एसएमई एवं संपदा प्रबंधन) एस पी अग्रवाल ने कहा, ‘एसएमई उधारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हमने देश में 33 ‘एसएमई लोन फैक्टरीज’ खोली हैं और मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक चंडीगढ़ और विजयवाड़ा में ऐसे दो और केंद्र खोले जाने की योजना है।’
भुवनेश्वर में एसएमई लोन फैक्टरी का उद्धाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में एसएमई ऋण सेगमेंट में बैंक की उधारी 14,000 करोड रुपये की है और मार्च 2009 तक यह उधारी बढ़ कर 15,000 करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि 2005-06 से 2007-08 की तीन साल की अवधि के अंदर बैंक ने एसएमई ऋण को दोगुना किया है। 2005-06 में एसएमई ऋण 5600 करोड़ रुपये था जो 2007-08 में बढ़ कर 11,800 करोड़ रुपये हो गया।
अग्रवाल ने कहा कि उड़ीसा में एसएमई ऋण सेगमेंट में बैंक की उधारी 220 करोड़ रुपये की है और मौजूदा वित्त वर्ष में बैंक एसएमई के लिए 51 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर कर चुका है। पहले तीन महीनों के दौरान नई एसएमई लोन फैक्टरी के जरिये बैंक ने इस क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
आर्थिक मंदी से जूझ रहे लघु उद्योगों की मदद के लिए बैंक द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए अग्रवाल ने कहा कि तीसरी पार्टी की गारंटी और गवाही के बगैर ही बैंक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऋण को बढ़ा कर 1 करोड़ रुपये तक कर रहा है।
इसके अलावा लघु इकाइयों के लिए वसूली में होने वाली देर के मामले में ऋण के पुनर्भुगतान की अवधि को बढ़ा कर 180 दिन किया जा रहा है। इसके अलावा डिफॉल्ट के मामले में, लघु इकाइयों के खातों को पुन: चालू किया जा रहा है। बैंक ने अब तक पूरे देश में 5000 से भी अधिक एसएमई खातों को पुनर्गठित किया है जिनमें से 24 खाते उड़ीसा में हैं।
बैंक ने युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिए भारतीय युवा ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया है। पुणे में इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो भी चुका है और जल्द ही इसे गुड़गांव में चलाए जाने की योजना है। अग्रवाल ने संकेत दिया कि बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए बैंक भुवनेश्वर में ‘बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान’ (बीएसएस) की भी स्थापना कर सकता है।