चेन्नई के इंडियन बैंक की योजना मूल्य आधारित सेवाओं के परिचालन के लिए सहायक कंपनी स्थापित करने की है। इससे बड़े शहरों के अलावा अन्य स्थानों पर लागत कम करने में मदद मिलेगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा पहले ही ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में ऐसी इकाइयां स्थापित कर चुके हैं। सहायक कंपनी के श्रम बल के सलाहकार को नियुक्त करने के अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) के अनुसार बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सैद्धांतिक रूप से इसके लिए मंजूरी मिल गई है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने आरपीएफ को देखा है। आरपीएफ के अनुसार, ‘प्रस्तावित सहायक कंपनी कारोबारी पत्राचार गतिविधियों, कारोबारी संचालन गतिविधियों, ग्राहक सेवा और शिकायत प्रबंधन, कॉल सेंटर का संचालन और आईटी से जुड़े सहायक कार्यों में सेवाएं मुहैया करवाएगी।’
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आरपीएफ के अनुसार, ‘पूर्ण स्वामित्व वाली प्रस्तावित सहायक कंपनी की गतिविधियां पूरी तरह समय-समय पर जारी भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुरूप होंगी।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने प्रस्तावित सहायक कंपनी के बारे में इंडियन बैंक को सवाल भेजा था लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।
इंडियन बैंक के 20,000 से अधिक टच पाइंट हैं जिनमें 5,978 घरेलू शाखाएं और 10,850 बिज़नेस कॉरस्पोंडेंट हैं। इसका जमा के साथ उधारी का कुल कारोबार सितंबर, 2023 की समाप्ति पर 11.33 लाख करोड़ रुपये था।