Categories: बैंक

मजदूरों के 3.5 लाख खाते खुले एसबीआई में

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:55 AM IST

भारतीय स्टेट बैंक ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मजदूरों के खाते खोलने के मामले में वह जो चाहे कर सकती है।
बैंक ने आज राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, जो राज्य और बैंकों के बीच तालमेल का काम करती है, के आंकड़ों को भी झुठला दिया। एक संवाददाता सम्मेलन में बैंक के भोपाल सर्किल, जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, के मुखिया डी के जैन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘राज्य के मुख्य सचिव राकेश साहनी शौक से यह खाते केंद्रीय सहकारी बैंकों में खोल सकते हैं।’
कल राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक में राज्य के मुख्य सचिव राकेश साहनी ने बैंकों द्वारा मजदूरों के खाते खोले जाने के मामले में आनाकानी पर कहा था कि राज्य सरकार यह काम केंद्रीय सहकारी बैंकों को देने पर मजबूर होगी।
जैन ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने अभी तक ऐसे (मजदूरों के) लगभग साढ़े तीन लाख खाते अभी तक खोले हैं। जबकि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के आंकड़ों (बिजनेस स्टैंडर्ड के पास कल हुई बैठक के एजेंडा की प्रति उपलब्ध है) के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक को अभी यह काम शुरू करना है।
आज जैन ने भोपाल सर्किल के वित्तीय परिणामों की घोषणा करते हुए क्हा कि बैंक ने पिछले साल में 98 शाखाएं खोली है और अब शाखाओं की कुल संख्या 867 हो गई है। बैंक का लक्ष्य इस संख्या को एक हजार तक पहुंचाने की है। उन्होंने कहा कि बैंक ने हाल ही में 40,000 भर्तियां की है और उनके पास कर्मचारियों की कोई कमी नहीं है।

First Published : April 29, 2009 | 9:25 AM IST