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Maharashtra: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच जुबानी जंग की गदर

उद्धव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि एकनाथ शिंदे गद्दार है, उन्होने मेरे बाप का नाम चुराया, पार्टी चुराई, निशान चुराया है।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- May 13, 2024 | 7:10 PM IST

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे पर जोरदार पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदें ने कहा कि उद्धव ठाकरे उन्हें और दूसरे नेताओं को नौकर समझते थे।

उन्होंने कहा कि शिवसेना के लिए लाखों कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन अर्पण किया है। उद्धव ठाकरे का इसमें क्या योगदान हैं वे तो फोटोग्राफी कर रहे थे, जब सरकार चलाने का मौका मिला तो नहीं चला पाए और सिर्फ दो बार मंत्रालय गए। कोविड में घर से बैठकर सिर्फ फेसबुक लाइव के अलावा कोई दूसरा काम नहीं किया।

लोकसभा चुनाव के बीच उद्धव ठाकरे ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी महाराष्ट्र से नफरत करती है।यही कारण है कि उन्होने तमाम कंपनियों को राज्य में निवेश नहीं करने दिया और अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर दिया।

उन्होने कहा कि इस लोकसभा चुनाव के बाद मोदी का तानाशाही शासन समाप्त हो जाएगा, यह मेरी गारंटी है। इंडिया गठबंधन की सरकार आने वाली है। हम केन्द्र में सरकार बनाएंगे और उसके बाद, मैं यह सुनिश्चित करुंगा कि महाराष्ट्र अपना पुराना गौरव हासिल कर ले। महाराष्ट्र विधानसभा में एमवीए सरकार सत्ता में आएगी।

ठाकरे ने कहा कि हम सरकार में आते ही सबसे पहले बीएमसी में घोटाले और धन के दुरुपयोग सहित भ्रष्ट्रचार के मामलों की जांच के आदेश देंगे।

एकनाथ शिंदे गद्दार है: उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि एकनाथ शिंदे गद्दार है, उन्होने मेरे बाप का नाम चुराया, पार्टी चुराई, निशान चुराया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि मेरे लिए इस्तेमाल किए गए शब्द उन पर लागू होते हैं। 2019 में उन्होने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा छोड़ दी, उन्होने अपने दोस्त, पार्टी और महाराष्ट्र के लोगों के साथ धोखा दिया।

शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे उन्हें और दूसरे नेताओं को नौकर समझते थे, जबकि बाला साहब ठाकरे सभी को सहयोगी मानते थे। शिवसेना के लिए लाखों कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन अर्पण किया है। उद्धव ठाकरे का इसमें क्या योगदान हैं वे तो फोटोग्राफी कर रहे थे, जब सरकार चलाने का मौका मिला तो नहीं चला पाए और सिर्फ दो बार मंत्रालय गए।

शिंदे ने आरोप लगाया कि कोविड में घर से बैठकर फेसबुक लाइव करते थे। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए शिवसैनिकों पर जुल्म हो रहा था। उन्हें जेल जाना पड़ रहा था लेकिन उद्धव ठाकरे कांग्रेस के दबावा में चुप थे। राम मंदिर और धारा 370 को हटाना ये बाल साहब ठाकरे का सपना थे।

शिंदे ने कहा कि सत्ता उन्होंने ने नहीं छोड़ी है। मैंने छोड़ी थी। जब हमने विधायकों के अपमान में अलग रास्ता चुना था तो हमें नहीं पता था क्या होने वाला है? तब विधायक चिंता में थे कि कैसे अगला चुनाव जीतेंगे? क्या होगा। इसके बाद हम अलग हुए थे।

First Published : May 13, 2024 | 7:10 PM IST