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विपक्ष को EVM से ज्यादा क्यों प्यारी है VVPAT मशीन, क्यों सभी पर्चियों का वेरिफिकेशन चाहती है पार्टियां ?

वीवीपीएटी मशीन ईवीएम की बैलट यूनिट इकाई से जुड़ी होती है। यह मशीन मतदाता की पसंद के साथ कागज की एक पर्ची प्रिंट करके वोटर द्वारा डाले गए वोट का विजुअल वेरिफिकेशन दिखाती है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 09, 2024 | 10:30 AM IST

देश में 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान के साथ सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पिछले हफ्ते कहा था कि वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% वेरिफिकेशन की मांग करने वाली याचिकाओं पर जल्द ही सुनवाई की जाएगी।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने मार्च 2023 में शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के मिलान को वीवीपैट के साथ क्रॉस-वेरीफाई किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह प्रक्रिया यथासंभव तेजी से की जाए, एडीआर ने वीवीपैट पर्चियों पर बारकोड के उपयोग का सुझाव दिया।

क्या होती है VVPAT मशीन और यह कैसे काम करती है ?

बता दें कि वीवीपीएटी मशीन ईवीएम की बैलट यूनिट इकाई से जुड़ी होती है। यह मशीन मतदाता की पसंद के साथ कागज की एक पर्ची प्रिंट करके वोटर द्वारा डाले गए वोट का विजुअल वेरिफिकेशन दिखाती है। इससे वोट देने वाले को सामने-सामने पता चल जाता है कि किसी वोट दिया गया है।

कागज की इस पर्ची में उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और पार्टी का प्रतीक होता है और एक कांच की खिड़की के पीछे मशीन में दिखती है। इससे वोटर को अपना वोट वेरीफाई करने के लिए सात सेकंड का समय मिलता है। इसके बाद पर्ची नीचे एक डिब्बे में गिर जाती है।

चुनाव आयोग ने VVPATs की शुरुआत क्यों की?

वीवीपीएटी मशीन का विचार पहली बार 2010 में सामने आया…जब भारत के चुनाव आयोग (EC) ने ईवीएम-आधारित मतदान प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के तरीके पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक की।

चुनाव आयोग 50% वीवीपैट पर्चियों की गिनती क्यों नहीं करना चाहता?

सुप्रीम कोर्ट में पिछली दलील के अनुसार, चुनाव आयोग का दावा है कि चुनाव अधिकारियों को एक मतदान केंद्र में वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम गणना से मिलान करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है।

इसके अलावा चुनाव आयोग ने वर्कफोर्स की उपलब्धता समेत इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों को भी उन मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने में बाधाओं के रूप में उजागर किया है जहां वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाती है।

राजनीतिक दल VVPAT पर्चियों की बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन की मांग क्यों कर रहे हैं?

विपक्षी दल मतदान को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए अधिक मतदान केंद्रों के वेरिफिकेशन की मांग करते रहते हैं। उनका कहना है कि निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता परिणामों की घोषणा में देरी की चिंता से कहीं ज्यादा जरुरी है।

पार्टियों ने वीवीपैट पर्चियों के 50% से लेकर 100% तक वेरिफिकेशन की मांग की है। दिसंबर में विपक्षी INDI गठबंधन ने वीवीपैट पर्चियों के 100% वेरिफिकेशन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। INDI अलायंस ने अपनी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मिलने का भी समय मांगा है।

First Published : April 9, 2024 | 10:30 AM IST