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निर्वाचन आयोग ने Lok Sabha Election की रणभेरी बजा दी है। शनिवार 16 मार्च को घोषित कार्यक्रम के अनुसार सात चरणों में होने वाली चुनाव की प्रक्रिया 81 दिन में पूरी होगी। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल और अंतिम चरण का 1 जून को होगा। वर्ष 1951-52 के बाद यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला चुनावी कार्यक्रम है। उस समय पूरी चुनावी प्रक्रिया चार महीने तक चली थी। इस बार का चुनाव कार्यक्रम 2019 के चुनाव से भी छह दिन लंबा है, जो 75 दिन में समाप्त हुआ था।
निर्वाचन आयोग ने 2019 के लोक सभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 10 मार्च को किया था। पिछला लोक सभा चुनाव भी सात चरणों में हुआ था और मतगणना 23 मई को हुई थी। उससे पहले वर्ष 2014 में 5 मार्च को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की गई थी और 16 मई को मतगणना तक पूरी प्रक्रिया 73 दिनों में संपन्न हुई थी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार 2024 में पहले चरण में 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 89 सीटों पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 7 मई को तीसरे चरण में 94 सीटों पर और चौथे चरण में 13 मई को 96 सीटों पर वोट पड़ेंगे। पांचवें चरण में 20 मई को 49 सीटों पर तो छठे चरण में 25 मई को 57 सीटों पर मतदान होगा। अंतिम चरण में 1 जून को 57 सीटों पर लोग मताधिकार के जरिए जनप्रतिनिधि चुनेंगे।
पिछले लोक सभा चुनाव में 67.4 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे। इससे पहले के चुनाव यानी 2014 में थोड़ा कम 66.44 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि उससे पहले के चुनाव 2009 में यह केवल 58.21 फीसदी ही था। यूं तो मतदान प्रतिशत पिछले तीन चुनाव से लगातार बढ़ रहा है, लेकिन यह अभी उत्साहजनक नहीं कहा जा सकता। इस बार मतदान प्रतिशत और बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने ‘एक मतदाता भी छूट न जाए’ नाम से अभियान शुरू किया है।
पिछले लोक सभा चुनाव के मुकाबले इस बार मतदाताओं की संख्या में लगभग पांच करोड़ का इजाफा हुआ है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी 2024 को देश में 96.88 करोड़ मतदाता हैं। वर्ष 2019 में 91.19 करोड़ और 2014 में 83.4 करोड़ मतदाता थे।
इस बार महिला मतदाताओं की संख्या 47.1 करोड़ या 48.61 फीसदी है, जबकि पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 48.09 फीसदी था। इसके अलावा 18-19 आयु वर्ग के 1.84 करोड़ अथवा 1.89 फीसदी मतदाता हैं। वर्ष 2019 में यह संख्या 1.5 करोड़ या कुल मतदाताओं का 1.64 फीसदी थी।
यही नहीं, इस वर्ष 18 से 29 आयु वर्ग के 21.58 करोड़ मतदाता हैं जो कुल मतदाताओं का 22.27 फीसदी है। पिछले चुनाव के दौरान यानी 2019 में इस वर्ग में मतदाताओं की संख्या 25.37 फीसदी थी। इस बार 48,044 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं। पिछले चुनाव में इनकी संख्या 39,075 थी।
लिंगानुपात भी इस चुनाव में वर्ष 2019 से बेहतर हुआ है। पिछले चुनाव में जहां प्रति 1000 पुरुष मतदाताओं पर 928 महिलाएं थीं, जबकि इस चुनाव में यह अनुपात सुधरकर 948 महिलाओं का हो गया है। वर्ष 2019 में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लिंगानुपात 1000 से बेहतर था, इस साल यह संख्या बढ़कर 12 हो चुकी है।
वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव में विदेश में रहने वाले मतदाताओं की संख्या 1,18,439 हो गई है। पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 99,844 था। सर्विस वोटर यानी सेवा मतदाताओं की संख्या 2024 में 1,9,08,194 हो चुकी है जो पांच साल पहले 18,00,388 थी। इसमें सैन्य बलों, अर्द्धसैनिक बलों और देश से बाहर तैनात सरकारी कर्मचारी आते हैं। इसके अलावा 10 मार्च2024 तक की मतदाता सूची के अनुसार 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 81,87,999 और 100 वर्ष या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 2,18,442 है।
इस बार मतदाताओं के लिए 10,48,202 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। यह संख्या भी पिछले चुनाव के मुकाबले 1.19 फीसदी अधिक है। इस चुनाव में वोट डालने के लिए 50.5 लाख ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।