प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों की भूमिका को ज्यादा अहम बताते हुए संकेत दिया है कि भविष्य में देश का आर्थिक एजेंडा आगे बढ़ाने का काम राज्य ही करेंगे। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव संपन्न होने के बाद अगली सरकार नीति आयोग की बैठक में आने वाले पांच साल के लिए कामकाज का अपना दस्तावेज राज्यों के साथ साझा करेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई ने मोदी का साक्षात्कार किया था, जिसे आज शाम प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर वेबकास्ट किया गया। साक्षात्कार में मोदी ने चुनावी बॉन्ड योजना, भ्रष्टाचारियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और कांग्रेस के घोषणापत्र समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष का घोषणापत्र लागू हो गया तो वह देश की अर्थव्यवस्था को ‘रौंद’ देगा।
चुनावी बॉन्ड पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, वे जब ईमानदारी से अपने भीतर झांकेंगे तो अफसोस करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्डों के जरिये 3,000 कंपनियों ने राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया, जिनमें से 26 पर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की है।
उनमें से भी 16 कंपनियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चंदा दिया, जो जांच के दायरे में आई सभी कंपनियों द्वारा दिए गए कुल चंदे का 37 फीसदी ही है। बाकी 63 फीसदी रकम विपक्षी दलों को मिली है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं और आलोचकों के दावों के उलट चुनावी बॉन्ड योजना चुनावों में काले धन का बोलबाला कम करने की दिशा में उठाया गया कदम थी। मोदी ने कहा, ‘यह चुनावी बॉन्डों की सफलता है। चुनावी बॉन्ड थे, इसलिए आपको पता चल रहा है कि किस कंपनी ने चंदा दिया, कितना दिया और किसे दिया।
इस पूरी प्रक्रिया में अच्छा हुआ या बुरा हुआ, इस पर बहस हो सकती है… मैं कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में खामी नहीं होती। हम बातचीत करने और सुधार करने के बाद सीखते हैं। इसमें भी सुधार की बहुत गुंजाइश है। मगर आज हमने देश को पूरी तरह काले धन की ओर धकेल दिया है। इसलिए मैं कहता हूं कि हर किसी को इस पर अफसोस होगा। ईमानदारी से सोचने पर हर कोई इस पर अफसोस करेगा।’
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इसे खत्म करना चुनावों के दौरान देश को ‘काले धन’ की ओर ले जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी ने चुनावों में बेनामी पैसे के इस्तेमाल पर लगाम लगाई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चुनावों के दौरान 1,000 और 2,000 रुपये के नोट बड़ी तादाद में इस्तेमाल होते थे। हमने कदम उठाया ताकि काले धन का खात्मा हो सके।’
उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड पेश करने के पीछे उनकी सरकार की मंशा एकदम सही थी। मोदी ने कहा, ‘हम कोई रास्ता तलाश कर रहे थे। हमें एक छोटा रास्ता नजर आया। हमने कभी यह दावा नहीं किया कि यही इकलौता रास्ता है।’
यह कहे जाने पर कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 400 से अधिक सीट मिलने को लेकर लोगों का एक धड़ा चिंतित है, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह लोगों पर दबाव बनाने या उन्हें डराने के लिए निर्णय नहीं लेते। उन्होंने कहा, ‘ जब मैं कहता हूं कि हमारे पास भविष्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं, तो इससे किसी को भयभीत होने की आशंका नहीं है। मैं लोगों को डराने के लिए निर्णय नहीं लेता हूं।
मेरे निर्णय देश के समग्र विकास के लिए हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें जहां दावा करती थीं कि उन्होंने हर जरूरी काम कर दिया है वहीं उन्हें महसूस होता है कि काफी कुछ किया जाना बाकी है। मोदी ने कहा कि इसी वजह से उन्होंने कहा था कि अब तक जो हुआ है वह महज एक झांकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 के चुनाव के पहले भी उन्होंने 100 दिन का एजेंडा बनाया था।
उसी के चलते उनकी सरकार कार्यकाल के पहले 100 दिनों के भीतर अनुच्छेद 370 हटाने तथा अन्य कानूनों में संशोधन करने में कामयाब हो सकी। मोदी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके अनुभव ने उन्हें सिखाया कि 40-50 दिनों के लिए वरिष्ठ अधिकारी चुनाव में लगे रहते और सरकार का कामकाज प्रभावित होता। उन्होंने कहा कि चुनावी अवधि को ‘छुट्टियों’ की तरह नहीं बिताया जाना चाहिए और वह अधिकारियों को पहले ही ऐसे काम दे देते थे जिन्हें अगली सरकार को करना होता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 100 दिन, पांच वर्ष और 25 वर्ष के लिए एजेंडे तैयार किए हैं। ये भाजपा के चुनावी घोषणापत्र तथा नमो ऐप पर 15 लाख लोगों द्वारा दिए गए सुझावों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद नीति आयोग की बैठक में उसे राज्य सरकारों के साथ साझा करेंगे।
मोदी ने कहा, ‘मैं बीते दो वर्ष से 2047 की योजना पर काम कर रहा हूं। उसके लिए मैंने देश भर के लोगों से सुझाव और विचार आमंत्रित किए। मैंने 15 लाख से अधिक लोगों से यह राय ली कि वे अगले 15 वर्षों में कैसा देश चाहते हैं। मैंने विश्वविद्यालयों से संपर्क किया, मैंने विभिन्न एनजीओ से संपर्क किया और 15-20 लाख लोगों ने अपनी राय दी।’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मैंने एआई की मदद से इन मशविरों को विषयवार वर्गीकृत किया। मैंने हर विभाग में अधिकारियों की टीम बनाई जो इस पर काम कर सके। यह अगले कार्यकाल के लिए कैसे हो सकता है? मैं उनके साथ बैठा और उन्होंने ढाई घंटे की प्रस्तुतियां दीं।’