कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कथित ‘आपत्तिजनक बयानों’ के मामले में मंगलवार को निर्वाचन आयोग से जल्द कार्रवाई की मांग की।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात कर यह आग्रह भी किया कि वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रचार खत्म होने और मतदान शुरू होने तक की अवधि (साइलेंस पीरियड) में आचार संहिता के उल्लंघन की आशंका और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर डाक मतपत्र से ‘छेड़छाड़’ के मद्देनजर उचित कार्रवाई करे।
कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद के अलावा पार्टी नेता गुरदीप सप्पल, प्रणव झा और विनीत पुनिया शामिल थे। सिंघवी के अनुसार, कांग्रेस नेता अजय माकन और अजय कुमार आयोग के समक्ष डिजिटल माध्यम से जुड़े थे।
सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव आयोग से हमने तीन बिंदुओं पर बात की है। हमने 24 नवंबर को शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया है।
हमने तीन उदाहरण दिए। प्रधानमंत्री ने ‘मूर्खों का सरदार’ वाली टिप्पणी की, गृह मंत्री ने ‘राहु-केतु सिंड्रोम’ वाला बयान दिया तथा उन्होंने ‘विदेशी मूल’ को लेकर टिप्पणी की। हमने कहा कि ये तीनों बयान आपत्तिजनक हैं और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हैं।’’
उन्होंने कहा कि अतीत में आयोग ने इससे कम प्रभाव वाले बयानों पर कार्रवाई की है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि (तेलंगाना में) मतदान से पहले चुनाव आयोग एक स्पष्ट निर्णय दे। किसी भी तरह से यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि बड़े पद पर आसीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमें आशा है कि आयोग जल्द कार्रवाई करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के ‘साइलेंस पीरियड’ के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर हमें भय है। हमें कार्यकर्ताओं ने बताया है कि बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) आचार संहिता का उल्लंघन करेगी। हमने मध्य प्रदेश का उदाहरण दिया कि कैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अजीबो-गरीब बहाने बनाकर चुनाव प्रचार किया था।’’
सिंघवी के अनुसार, कांग्रेस ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि तेलंगाना में चुनाव आचार संहिता का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से उल्लंघन नहीं हो। तेलंगाना में 119 विधानसभा सीट के लिए आगामी 30 नवंबर को मतदान होना है।
मतगणना तीन दिसंबर को होगी। उन्होंने बताया, ‘‘हमने आयोग को मध्य प्रदेश के विषय में छह वीडियो दिए हैं, जिसमें जिला अधिकारी रक्षक की बजाय भक्षक बनते नजर आ हैं, डाक मत पत्रों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। हमने कार्रवाई की मांग की है।’’