लगातार चौथे महीने थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर नकारात्मक बनी रही। जुलाई महीने के लिए वाणिज्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई सालाना आधार पर कम होकर नकारात्मक 0.58 फीसदी रही। यह जून में नकारात्मक 1.81 फीसदी रही थी और मई में यह नकारात्मक 3.37 फीसदी के साथ 4.5 वर्ष के न्यूनतम स्तर पर थी।
जून से जुलाई में अवस्फीति में इस जबरदस्त गिरावट से डब्ल्यूपीआई और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में अंतर थोड़ा कम हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि जुलाई में लगातार चौथे महीने खुदरा महंगाई मौद्रिक नीति समिति के 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के लक्ष्य दायरे के ऊपर बनी हुई है। सालाना आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई बढ़कर 6.93 फीसदी हो गई जो जून के 6.23 फीसदी से अधिक है। ऐसा मुख्य तौर पर खाद्य और पेट्रोलियम कीमतों में इजाफा होने से हुआ है।
थोक खाद्य कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून के 3.05 फीसदी और मई के 2.73 फीसदी के मुकाबले बढ़कर जुलाई में 4.32 फीसदी पर पहुंच गई। ईंधन और बिजली की थोक कीमतों में भी तेजी से इजाफा हुआ है। यह जून के नकारात्मक 13.6 फीसदी और मई के नकारात्मक 23.08 फीसदी से बढ़कर नकारात्मक 9.84 फीसदी हो गई।
थोक खाद्य कीमत उप समूहों में जुलाई महीने में सब्जी की कीमतों में 8.20 फीसदी की सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई, जो जून में नकारात्मक 9.21 फीसदी रही थी। फलों में मुद्रास्फीति 2.31 फीसदी से घटकर नकारात्मक 3.03 फीसदी हो गई। प्याज के थोक भाव में महंगाई नकारात्मक 15.27 से लुढ़कर नकारात्मक 25.56 फीसदी रह गई। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘थोक प्राथमिक खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई 2020 में उससे पिछले महीने के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ी है जबकि खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति में मामूली इजाफा हुआ है जो मंडी और खुदरा स्तर पर अलग अलग रुझान दर्शाते हैं। इसके बावजूद, जुलाई 2020 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक खाद्य मुद्रास्फीति थोक खाद्य मुद्रास्फीति से काफी ऊपर रही।’
नायर ने कहा, ‘तीव्र आधार प्रभाव के साथ हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त 2020 में प्रमुख उत्पादों के भाव में परिवर्तन होगा और यह नरम मुद्रास्फीति पर होगा, जबकि प्रमुख डब्ल्यूपीआई अवस्फीति में बना रह सकता है जिसकी रफ्तार आगे और कम हो सकती है।’
केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अगले महीने थोक मूल्य सूचकांक में और इजाफा हो सकता है और अगस्त में सकारात्मक मुद्रास्फीति दर्ज हो सकती है जिसकी मुख्य वजह देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाए जाने से आपूर्ति में आ रही बाधाओं के कारण थोक खाद्य कीमतों में आई तेजी है।
