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आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा है कि अमेरिकी शुल्क से उत्पन्न बाधाओं से निपटने के लिए भारत बेहतर स्थिति में है क्योंकि अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जल्द हस्ताक्षर होने की संभावना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर जवाबी शुल्क की घोषणा की है। हालांकि बाद में इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया। अभी केवल चीन पर 125 प्रतिशत शुल्क लागू है। हालांकि, अमेरिका को निर्यात पर 10 प्रतिशत मूल शुल्क जारी रहेगा। अन्य जवाबी शुल्क अब नौ जुलाई से लागू होंगे।
घरेलू उद्योग पर इन शुल्क के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि यह कहना कठिन है कि इसका क्या प्रभाव होगा, लेकिन भारत की स्थिति इस मामले में काफी बेहतर होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ यह कहना कठिन है कि इसमें क्या बदलाव आएगा, लेकिन मेरा अपना मानना है कि अंत में भारत की स्थिति काफी बेहतर होगी। हम कई मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना देख रहे हैं जिसकी उद्योग जगत काफी समय से प्रतीक्षा कर रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष ऐसा हो जाएगा, चाहे वह यूरोपीय संघ हो, ब्रिटेन हो या निश्चित रूप से अमेरिका जहां मुझे लगता है कि चर्चाएं तेजी से जारी हैं।’’
भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है। आईटीसी पर शुल्क के प्रभाव के संबंध में पुरी ने कहा कि यह भी ‘‘ अधिक घरेलू-केंद्रित उद्योग ’’ है और अमेरिकी शुल्क के कारण इसे कुछ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
भारत- यूनाइटेड किंगडम (UK) ने हाल ही में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की घोषणा की। इस बातचीत के तहत में मौजूदा 20 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 सालों में दोगुना या तिगुना करने की उम्मीद है। इसकी घोषणा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और UK के व्यापार और उद्योग सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दी।
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह समझौता “ऐतिहासिक” होगा और यह “हमारे मौजूदा 20 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 सालों में 2 से 3 गुना बढ़ाने के लिए अवसर देगा।” जब उनसे वार्ता पूरी करने की समयसीमा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किसी अच्छे समझौते को पूरा करने के लिए कोई समय ज्यादा जल्दी या ज्यादा देर से नहीं होता, क्योंकि ये समझौते लंबे भविष्य के लिए होते हैं। हमें 20-30-50 साल आगे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत समझौता बनाना है, जो दोनों पक्षों के लिए लाभदायक हो। इसलिए, हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन वार्ता तेजी से पूरी होनी चाहिए।”
रेनॉल्ड्स ने कहा कि यह समझौता UK की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है और यह लंबे भविष्य से जुड़ा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या Bilateral Investment Treaty (BIT) की वार्ता भी FTA के साथ पूरी होगी, तो गोयल ने कहा कि दोनों देश तीन अलग-अलग मोर्चों पर सक्रिय रूप से
भारत और UK के बीच FTA वार्ता 13 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और UK के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर था। UK, भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक (6th Largest Investor) है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच भारत को UK से कुल 35.3 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है।
Q3 results: सिगरेट से लेकर साबुन बनाने वाली FMCG कंपनी ITC का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ (consolidated net profit) सालाना आधार (YoY) पर 7.27 प्रतिशत घटकर 5,013.16 करोड़ रुपये रह गया। आईटीसी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,406.52 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था।
वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आईटीसी की परिचालन आय 9.05 प्रतिशत बढ़कर 20,349.96 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 18,660.37 करोड़ रुपये थी।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कुल व्यय 12.18 प्रतिशत बढ़कर 14,413.66 करोड़ रुपये हो गया। आईटीसी की कुल आय आलोच्य तिमाही में 8.47 प्रतिशत बढ़कर 20,945.82 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 19,308.85 करोड़ रुपये थी।
आईटीसी लिमिटेड एक भारतीय कारोबारी समूह है, जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। इसकी छह व्यावसायिक क्षेत्रों में उपस्थिति है, FMCG, होटल, कृषि व्यवसाय, सूचना प्रौद्योगिकी, कागज उत्पाद और पैकेजिंग। आईटीसी के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा तम्बाकू उत्पादों से आता है।
बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में, आईटीसी भारत की दूसरी सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी तम्बाकू कंपनी है। यह भारत भर में 60 से अधिक स्थानों पर 36,500 लोगों को रोजगार देती है। इसके उत्पाद भारत में 6 मिलियन खुदरा दुकानों में उपलब्ध हैं और 90 देशों में निर्यात किए जाते हैं।
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