अर्थव्यवस्था

In Parliament: ED ने पांच साल में क्या-क्या किया, कितने केस, कितने छापे

सरकार पर लगातार ED के दुरूपयोग के आरोप लगते रहते हैं, जिसके चलते कांग्रेस सांसद के पूछे जाने पर वित्त राज्यमंत्री ने ED के पांच साल का पूरा ब्यौरा संसद में रखा।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 10, 2024 | 8:56 PM IST

केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि विगत पांच वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत विभिन्न अदालतों में कुल 911 शिकायतें दर्ज की हैं और इनमें से 42 मामलों में दोषसिद्धि हुई है तथा 99 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि इनमें कुल दर्ज 911 अभियोजन शिकायतों में से 257 मामलों में सुनवाई अभी लंबित है। प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 1 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2024 तक विभिन्न अदालतों में 911 अभियोजन शिकायतें दर्ज की है। इनमें 257 मामलों में सुनवाई लंबित है। 42 मामलों में धन शोधन के अपराध में दोषसिद्धि हुई है, जिसमें 99 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है और अपराध की आय जब्त की गई है। चार दिसंबर 2024 तक देश भर में धन से संबंधित अपराधों की सुनवाई के लिए पीएमएलए के तहत 106 विशेष अदालत कम कर रही हैं। वित्त राज्यमंत्री द्वारा संसद में दिए आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 50, 2020 में 106, 2021 में 128, 2022 में 182, 2023 में 239 और 2024 में 31 अक्टूबर तक 206 यानी कुल 911 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं।

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने ये जानकारी संसद में दी। सुरजेवाला ने पिछले 5 वर्षों के दौरान प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की वर्षवार संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने लंबित मामलों, अभियुक्तों की दोषसिद्धि, निपटाए गए मामलों और विशेष अदालतों की संख्या के बारे में भी सरकार से जवाब मांगे थे।

First Published : December 10, 2024 | 3:17 PM IST