अक्टूबर 2020 के बाद तेजी को लेकर कमजोर नजरिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:08 AM IST

बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) की तरफ से फंड मैनेजरों के सर्वेक्षण में पाया गया है कि निवेशक लगातार वैश्विक बढ़त की रफ्तार के अनुमान, उच्च महंगाई, बेरोजगारी और घटती मांग (स्टैगफ्लेशन) के अलावा चीन को लेकर चिंतित बने हुए हैं।
इस सर्वेक्षण मेंं अक्टूबर 2020 के बाद तेजी का सबसे कमजोर नजरिया सामने आया है और नकदी का स्तर उछलकर 12 महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गया है जबकि बढ़त का अनुमान अप्रैल 2020 के बाद सबसे कमजोर है। इस सर्वेक्षण से हालांकि पता चलता है कि शेयरों में आवंटन अभी भी काफी ऊंचा है।
शुद्ध रूप से छह फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं का मानना है कि वैश्विक बढ़त की रफ्तार अगले 12 महीने में कमजोर होगी। इस बीच, 15 फीसदी ने कहा कि लाभ में इजाफे की रफ्तार धीमी होगी और मई 2020 के बाद मार्जिन का परिदृश्य सबसे खराब होगा।
बोफा ने एक विज्ञप्ति में कहा, तेजी की भविष्यवाणी घटकर 61 फीसदी रह गई, जबकि स्टैगफ्लेशन को लेकर अनुमान 34 फीसदी बढ़ा। सर्वेक्षण में शामिल होने वाले 85 फीसदी प्रत्युत्तदाताओं का मानना है कि अल्पावधि की दरें और फेडरल रिजर्व की तरफ से दरों में बढ़ोतरी 2022 में होगा, जिसके बारे में पहले फरवरी 2023 का अनुमान था।    

First Published : October 19, 2021 | 11:29 PM IST