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US crude exports to India: भारत को अमेरिका से कच्चे तेल (crude oil) का एक्सपोर्ट फरवरी में 2 साल के हाई पर पहुंच गया। ऐसा इसलिए क्योंकि देश की रिफाइनरियां रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते वैकल्पिक सप्लाई तलाश कर रही हैं। शिप ट्रैकिंग फर्म केपलर (Kpler) के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका ने फरवरी में भारत को रोजाना करीब 3,57,000 बैरल (bpd) क्रूड एक्सपोर्ट किया। यह पिछले साल के 2,21,000 बैरल प्रतिदिन (bpd) से काफी ज्यादा है।
अमेरिका ने अक्टूबर 2024 से ईरान और रूस के तेल से जुड़े शिप्स और कंपनियों पर कई दौर के प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे इन देशों से प्रमुख आयातकों को क्रूड की सप्लाई बाधित हो रही है। भारत सरकार के मुताबिक, अमेरिका से भारत की एनर्जी खरीद निकट भविष्य में 15 अरब डॉलर से बढ़कर 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
वॉर्टेक्सा (Vortexa) के सीनियर एनॉलिस्ट रोहित राठौड़ ने कहा कि भारतीय रिफाइनरीज क्रूड सप्लाई खासकर लाइट-स्वीट ग्रेड बैरल, को डायवर्सिफाई करने की कोशिश कर रही हैं। रूसी शिप्स पर प्रतिबंधों ने भारतीय खरीदारों को अन्य विकल्पों की ओर देखने के लिए मजबूर किया है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत को अमेरिका के कुल क्रूड एक्सपोर्ट का 80% हिस्सा लाइट-स्वीट वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट-मिडलैंड (WTI-Midland) क्रूड था। इनमें भारत की टॉप खरीदारों में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) रहीं। जबकि अमेरिका के टॉप एक्सपोर्टर में ऑक्सिडेंटल पेट्रोलियम (Occidental Petroleum), एक्विनोर (Equinor), एक्सॉन मोबिल (Exxon Mobil), ट्रेडिंग फर्म गनवर (Gunvor) शामिल हैं। बता दें, कम्पनियों ने इस मामले पर फिलहाल किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
फरवरी में अमेरिका ने दक्षिण कोरिया को रिकॉर्ड 6,56,000 बैरल प्रतिदिन (bpd) क्रूड एक्सपोर्ट किया। वहीं, चीन की ओर से अमेरिकी तेल पर 10% टैरिफ लगाने के चलते एक्सपोर्ट की दिशा बदल गई। अमेरिका से चीन को क्रूड का एक्सपोर्ट घटकर मात्र 76,000 बैरल प्रतिदिन रह गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम स्तरों में से एक है।